प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
13. मौर्य साम्राज्य :- चन्द्रगुप्त मौर्य से अशोक तक ,प्रशासनिक संरचना और आर्थिक नीति ,अशोक का धम्म और धर्म प्रचार
चन्द्रगुप्त मौर्य से अशोक तक:
मौर्य साम्राज्य की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने लगभग 322 ईसा पूर्व में की थी। चन्द्रगुप्त ने नंद वंश को हराकर मगध के सिंहासन पर अपना अधिकार जमाया और मौर्य वंश की नींव रखी। उसके प्रधानमंत्री चाणक्य (कौटिल्य) ने राज्य को संगठित करने और साम्राज्य का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चन्द्रगुप्त ने अपने शासनकाल में अधिकांश उत्तरी भारत को अपने अधीन कर लिया और ग्रीक आक्रमणकारी सिकंदर के उत्तराधिकारी सेल्यूकस निकेटर को हराकर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में भी मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया।
चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद उसके पुत्र बिन्दुसार और फिर उसके पोते अशोक ने इस साम्राज्य को संभाला। अशोक का शासनकाल मौर्य साम्राज्य का स्वर्णिम युग माना जाता है। अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया और अहिंसा तथा धर्म के प्रचार का मार्ग चुना।
प्रशासनिक संरचना और आर्थिक नीति:
मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक संरचना अत्यंत संगठित और कुशल थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने साम्राज्य को विभिन्न प्रांतों में विभाजित किया, जिनका शासन एक गवर्नर द्वारा किया जाता था। राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी, और यहां से सम्राट द्वारा पूरे साम्राज्य का नियंत्रण किया जाता था।
मौर्य प्रशासन में जासूसी प्रणाली और सख्त कानून व्यवस्था का प्रचलन था। राजस्व संग्रह के लिए एक संगठित कर प्रणाली थी, जिसमें कृषि, व्यापार और शिल्प के आधार पर कर लिया जाता था। चाणक्य द्वारा लिखित "अर्थशास्त्र" मौर्य काल की आर्थिक नीतियों का महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसमें व्यापार, कराधान, कृषि, खनन, और अन्य आर्थिक गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
अशोक का धम्म और धर्म प्रचार:
अशोक का शासनकाल भारतीय इतिहास में धम्म के प्रचार और बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए जाना जाता है। कलिंग युद्ध के दौरान हुए भारी रक्तपात ने अशोक को अहिंसा और धर्म की ओर प्रेरित किया। उसने युद्ध और हिंसा का त्याग कर धर्म, नैतिकता, और अहिंसा की नीतियों को अपनाया।
अशोक ने अपने धम्म (धर्म) के सिद्धांतों को प्रसारित करने के लिए पूरे साम्राज्य में शिलालेख और स्तंभ स्थापित करवाए, जिनमें नैतिकता, धार्मिक सहिष्णुता, और अहिंसा के संदेश थे। उसने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा। अशोक के प्रयासों से बौद्ध धर्म न केवल भारत में बल्कि अन्य एशियाई देशों में भी फैला। अशोक का धम्म मानवता के प्रति उसकी गहरी संवेदनशीलता और धर्म की सच्ची भावना को दर्शाता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
मौर्य साम्राज्य
(Maurya Empire)
1. चन्द्रगुप्त
मौर्य से अशोक तक (From Chandragupta Maurya to Ashoka):
- चन्द्रगुप्त मौर्य
(Chandragupta Maurya):
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चन्द्रगुप्त
मौर्य ने 321 ईसा पूर्व में की। चाणक्य (कौटिल्य) की मदद से चन्द्रगुप्त
ने नंद वंश को पराजित किया और मगध में मौर्य वंश की नींव रखी।
- चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस
निकेटर के साथ एक समझौता किया और उसके बदले में उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ प्रदेश
प्राप्त किए।
- उनके शासनकाल में पाटलिपुत्र
मौर्य साम्राज्य की राजधानी बनी, और साम्राज्य पश्चिम में अफगानिस्तान से लेकर
पूर्व में बंगाल तक विस्तारित हुआ।
- चन्द्रगुप्त ने अपने जीवन के अंत
में जैन धर्म स्वीकार किया और श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में संन्यास लिया।
- बिन्दुसार (Bindusara):
- चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद उनके
पुत्र बिन्दुसार ने 297 ईसा पूर्व से 273 ईसा पूर्व तक शासन किया। बिन्दुसार
ने साम्राज्य की सीमाओं को दक्षिण भारत तक विस्तारित किया।
- बिन्दुसार ने दक्कन के राज्यों
को अपने साम्राज्य में मिलाया लेकिन तमिल प्रदेशों पर विजय प्राप्त नहीं कर सके।
उन्हें अमित्रघात (शत्रुओं का संहारक) कहा जाता था।
- अशोक महान (Ashoka the Great):
- बिन्दुसार के बाद उनका पुत्र अशोक
मौर्य साम्राज्य का सबसे महान शासक बना। अशोक ने 268 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व
तक शासन किया।
- अशोक ने 261 ईसा पूर्व में कलिंग
(वर्तमान ओडिशा) पर आक्रमण किया और उसे जीत लिया। लेकिन इस युद्ध की हिंसा ने
अशोक को पश्चाताप की ओर प्रेरित किया और उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया।
- अशोक ने युद्ध नीति छोड़कर अहिंसा,
धम्म, और जनहित के सिद्धांतों पर आधारित शासन चलाया।
2. प्रशासनिक
संरचना और आर्थिक नीति (Administrative Structure and Economic Policy):
- केन्द्रीय शासन प्रणाली
(Centralized Government System):
- मौर्य साम्राज्य में एक केंद्रीकृत
प्रशासनिक प्रणाली थी, जिसमें राजा सर्वोच्च शासक होता था। राजा के नीचे मंत्रियों
और अधिकारियों की एक संगठित श्रृंखला होती थी।
- प्रशासन के प्रमुख पदों में महामात्य,
अमात्य, और सेनापति जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे।
- राजा को शासन चलाने में मंत्रिपरिषद
की सहायता मिलती थी, जो राज्य के विभिन्न कार्यों को संभालने के लिए जिम्मेदार
थी।
- चाणक्य की भूमिका:
- चाणक्य (कौटिल्य) ने चन्द्रगुप्त
मौर्य को शासन में महत्वपूर्ण सलाह दी। उनका ग्रंथ 'अर्थशास्त्र' मौर्य
प्रशासन और आर्थिक नीति के सिद्धांतों का वर्णन करता है।
- प्रांतों का विभाजन (Division
of Provinces):
- मौर्य साम्राज्य को विभिन्न प्रांतों
में विभाजित किया गया था, जिनका प्रशासन कुमार (राजकुमार या गवर्नर) द्वारा
किया जाता था। प्रमुख प्रांत थे पाटलिपुत्र, तक्षशिला, उज्जयिनी, और कांची।
- प्रांतों के अधीन जिला और गाँव
स्तर पर अधिकारी नियुक्त होते थे, जो कर संग्रह, न्याय और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार
थे।
- नगर प्रशासन (Urban
Administration):
- मौर्यकालीन शहरों का प्रशासन नागरिक
अधिकारी (नागरक) द्वारा किया जाता था। शहरों में व्यापार, कानून व्यवस्था
और नगर योजना के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त होते थे।
- गुप्तचर प्रणाली (Spy System):
- मौर्य साम्राज्य की गुप्तचर प्रणाली
अत्यधिक उन्नत थी। गुप्तचर (जासूस) शासन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने
और जनता की स्थिति की निगरानी के लिए काम करते थे।
- आर्थिक नीति (Economic Policy):
- मौर्य काल में कृषि, व्यापार और
कर प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया गया। कृषि राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत
था, और कृषकों से कर वसूला जाता था।
- मौर्य साम्राज्य ने व्यापार मार्गों
को संरक्षित रखा और साम्राज्य के भीतर और बाहर व्यापार को प्रोत्साहित किया।
- खानों, व्यापार, हस्तशिल्प, और
वन उत्पादों से राज्य को राजस्व मिलता था।
- करों की दरें स्थिर थीं, और कर
संग्रह की देखरेख के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए थे।
3. अशोक
का धम्म और धर्म प्रचार (Ashoka’s Dhamma and Religious Propagation):
- धम्म का सिद्धांत (Principle of
Dhamma):
- अशोक का धम्म कोई नया धर्म नहीं
था, बल्कि यह नैतिक और सामाजिक आचरण का एक सिद्धांत था, जिसमें अहिंसा, दया,
और सत्य का पालन करना शामिल था।
- धम्म के अनुसार लोगों को जाति और
धर्म से ऊपर उठकर परस्पर सद्भाव और मैत्रीभाव से जीवन जीने की शिक्षा दी गई।
- अशोक के शिलालेख (Ashokan
Edicts):
- अशोक ने अपने धम्म के सिद्धांतों
का प्रचार शिलालेखों और स्तंभों पर अंकित करके किया। इन शिलालेखों में धार्मिक,
सामाजिक, और नैतिक शिक्षाएँ थीं, जिन्हें जनता तक पहुँचाया गया।
- प्रमुख शिलालेख सारनाथ,
सांची, और गिरनार में पाए जाते हैं, जहाँ उन्होंने अपनी धर्म नीति
का प्रचार किया।
- अहिंसा और बौद्ध धर्म:
- अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद युद्ध
नीति का त्याग कर अहिंसा का प्रचार किया और बौद्ध धर्म को अपनाया।
- अशोक ने बौद्ध धर्म के अष्टांग
मार्ग और चार आर्य सत्य का पालन करने का निर्देश दिया और समाज में
नैतिकता, दया, और सहयोग का संदेश फैलाया।
- धम्म महामात्र (Dhamma
Mahamatras):
- अशोक ने धम्म के प्रचार के लिए
विशेष अधिकारी नियुक्त किए, जिन्हें धम्म महामात्र कहा जाता था। वे धर्म
प्रचार, सामाजिक कल्याण और जनहितकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार थे।
- अंतर्राष्ट्रीय धर्म प्रचार
(International Spread of Buddhism):
- अशोक ने बौद्ध धर्म को सिर्फ भारत
में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैलाने का काम किया। उन्होंने श्रीलंका,
बर्मा, मध्य एशिया, सुमात्रा, और यूनान तक बौद्ध
धर्म के प्रचारक भेजे।
- अशोक के पुत्र महेंद्र और
पुत्री संगमित्रा ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
- सार्वजनिक कल्याण:
- अशोक ने सामाजिक और धार्मिक नीतियों
के साथ-साथ सार्वजनिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने सड़कों, अस्पतालों,
सरायों, और पानी की व्यवस्थाओं का निर्माण करवाया।
- धर्म प्रचार और सहिष्णुता:
- अशोक का धम्म धार्मिक सहिष्णुता
और सभी धर्मों के प्रति समानता का संदेश देता था। उन्होंने लोगों को एक-दूसरे
के धर्म और विश्वास का सम्मान करने का आदेश दिया।
मौर्य साम्राज्य पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- (A) अशोक
- (B) बिन्दुसार
- (C) चन्द्रगुप्त मौर्य
- (D) चाणक्य
उत्तर: (C) चन्द्रगुप्त मौर्य
- चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री कौन थे?
- (A) भद्रबाहु
- (B) चाणक्य
- (C) अशोक
- (D) विष्णुगुप्त
उत्तर: (B) चाणक्य
- अशोक के शासनकाल का प्रमुख धर्म क्या था?
- (A) जैनधर्म
- (B) हिंदू धर्म
- (C) बौद्ध धर्म
- (D) इस्लाम
उत्तर: (C) बौद्ध धर्म
- किस युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया?
- (A) कुरुक्षेत्र युद्ध
- (B) कलिंग युद्ध
- (C) मगध युद्ध
- (D) त्रिशूल युद्ध
उत्तर: (B) कलिंग युद्ध
- अशोक द्वारा धर्म का प्रचार किस माध्यम से किया गया?
- (A) पुस्तकें
- (B) शिलालेख और स्तंभ
- (C) मंदिरों के माध्यम से
- (D) सभाओं के माध्यम से
उत्तर: (B) शिलालेख और स्तंभ
- अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार किस देश में भेजा था?
- (A) चीन
- (B) तिब्बत
- (C) श्रीलंका
- (D) जापान
उत्तर: (C) श्रीलंका
- मौर्य साम्राज्य की राजधानी कौन सी थी?
- (A) काशी
- (B) तक्षशिला
- (C) पाटलिपुत्र
- (D) अयोध्या
उत्तर: (C) पाटलिपुत्र
- अशोक के शासनकाल में कौन-सी नीति को प्राथमिकता दी गई थी?
- (A) युद्ध और विजय
- (B) अहिंसा और धर्म
- (C) व्यापार और कृषि
- (D) वैज्ञानिक खोजें
उत्तर: (B) अहिंसा और धर्म
- चन्द्रगुप्त मौर्य ने किस विदेशी आक्रमणकारी को हराया था?
- (A) सिकंदर
- (B) सेल्यूकस निकेटर
- (C) डेरियस
- (D) पोरस
उत्तर: (B) सेल्यूकस निकेटर
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- (A) 322 ईसा पूर्व
- (B) 250 ईसा पूर्व
- (C) 150 ईसा पूर्व
- (D) 100 ईसा पूर्व
उत्तर: (A) 322 ईसा पूर्व
- अशोक के किस पुत्र को श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए भेजा गया था?
- (A) महेंद्र
- (B) संघमित्रा
- (C) कुणाल
- (D) दशरथ
उत्तर: (A) महेंद्र
- मौर्य साम्राज्य के किस शासक ने "धम्म" का प्रचार किया?
- (A) बिन्दुसार
- (B) चन्द्रगुप्त मौर्य
- (C) अशोक
- (D) चाणक्य
उत्तर: (C) अशोक
- मौर्य प्रशासन में किसकी सहायता से जासूसी प्रणाली संचालित होती थी?
- (A) साम्राज्य के नागरिक
- (B) राजा के गुप्तचर
- (C) मंत्रियों
- (D) सैनिकों
उत्तर: (B) राजा के गुप्तचर
- किस ग्रंथ में मौर्य काल की आर्थिक नीतियों का वर्णन मिलता है?
- (A) रामायण
- (B) महाभारत
- (C) अर्थशास्त्र
- (D) मनुस्मृति
उत्तर: (C) अर्थशास्त्र
- अशोक के शिलालेखों में किस भाषा का प्रयोग हुआ था?
- (A) संस्कृत
- (B) पालि
- (C) फारसी
- (D) हिंदी
उत्तर: (B) पालि
- मौर्य साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध राजा कौन था?
- (A) बिन्दुसार
- (B) चन्द्रगुप्त मौर्य
- (C) अशोक
- (D) दशरथ
उत्तर: (C) अशोक
- अशोक के शासनकाल के दौरान कौन-सा युद्ध लड़ा गया था?
- (A) तक्षशिला युद्ध
- (B) कलिंग युद्ध
- (C) मगध युद्ध
- (D) पाटलिपुत्र युद्ध
उत्तर: (B) कलिंग युद्ध
- मौर्य साम्राज्य के किस शासक ने 'धम्म महामात्र' नियुक्त किए?
- (A) चन्द्रगुप्त मौर्य
- (B) बिन्दुसार
- (C) अशोक
- (D) कुंतल
उत्तर: (C) अशोक
- अशोक के शासनकाल के दौरान कौन सा धर्म प्रमुखता से प्रचारित हुआ?
- (A) वैदिक धर्म
- (B) जैनधर्म
- (C) बौद्ध धर्म
- (D) इस्लाम
उत्तर: (C) बौद्ध धर्म
- अशोक का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्या था?
- (A) साम्राज्य का विस्तार
- (B) धर्म का प्रचार
- (C) युद्धों का नेतृत्व
- (D) नए शहरों की स्थापना
उत्तर: (B) धर्म का प्रचार
These questions
will help in understanding the key aspects of the Maurya Empire in the context
of Indian history.