प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
17. पुष्यभूति वंश, हर्षवर्धन का शासन, हर्षकालीन संस्कृति और साहित्य
पुष्यभूति
वंश: पुष्यभूति वंश की स्थापना
6वीं शताब्दी में हुई थी
और इसका मुख्य केंद्र
थानेसर (वर्तमान हरियाणा) था। इस वंश
के प्रमुख शासक प्रभाकरवर्धन थे,
लेकिन इस वंश का
सबसे प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन था,
जिसने पूरे उत्तर भारत
पर शासन किया।
हर्षवर्धन
का शासन: हर्षवर्धन (606-647 ईस्वी) को पुष्यभूति वंश
का सबसे शक्तिशाली शासक
माना जाता है। हर्षवर्धन
के शासनकाल में उसकी राजधानी
थानेसर से कन्नौज स्थानांतरित
कर दी गई थी।
वह एक कुशल योद्धा
और प्रशासक था। हर्ष ने
दक्षिण भारत पर भी
आक्रमण किया लेकिन उसे
पुलकेशिन II से हार का
सामना करना पड़ा। हर्ष
ने अपने साम्राज्य में
धार्मिक सहिष्णुता और शांति का
पालन किया। उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना
लिया था और उसकी
शिक्षाओं का प्रचार किया।
हर्षकालीन
संस्कृति और साहित्य: हर्षवर्धन के काल में
भारतीय संस्कृति और साहित्य में
महत्वपूर्ण योगदान हुआ। हर्ष स्वयं
एक विद्वान और साहित्यकार था।
उन्होंने तीन प्रमुख नाटक
लिखे - रत्नावली, नागानंद, और प्रियदर्शिका। इस
काल में संस्कृत साहित्य
का पुनर्जागरण हुआ। प्रसिद्ध चीनी
यात्री ह्वेनसांग (ह्वेन त्सांग) भी हर्ष के
शासनकाल में भारत आए
थे और उन्होंने हर्ष
के समय की सभ्यता
और संस्कृति का वर्णन किया।
हर्षकाल
में धर्म, कला, साहित्य, और
शिक्षा का विकास हुआ।
यह काल भारतीय इतिहास
में एक महत्वपूर्ण युग
के रूप में जाना
जाता है, जिसने भविष्य
के शासकों के लिए एक
आदर्श स्थापित किया।
महत्वपूर्ण बिंदु
1. पुष्यभूति वंश (Pushyabhuti
Dynasty):
- वंश का उदय (Rise of the
Dynasty):
- पुष्यभूति वंश हरियाणा के थानेश्वर (वर्तमान कुरुक्षेत्र) से उत्पन्न हुआ। इसका सबसे प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन था।
- पुष्यभूति वंश की स्थापना लगभग 6वीं शताब्दी में की गई थी। इस वंश के प्रारंभिक शासक क्षेत्रीय राजा थे।
- प्रमुख शासक:
- प्रभाकरवर्धन पुष्यभूति वंश का महत्वपूर्ण शासक था, जिसने हूणों और गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद थानेश्वर के राज्य को मजबूत किया।
- प्रभाकरवर्धन की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राज्यवर्धन ने सत्ता संभाली, लेकिन उनकी हत्या के बाद हर्षवर्धन गद्दी पर बैठे और एक बड़े साम्राज्य की स्थापना की।
2. हर्षवर्धन का शासन (Reign of
Harshavardhan):
- राज्यवर्धन की मृत्यु और हर्ष का राज्यारोहण:
- 606 ईस्वी में राज्यवर्धन की हत्या के बाद हर्षवर्धन ने शासन संभाला। उन्होंने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए मालवा के शासक से संघर्ष किया और उसे पराजित किया।
- हर्ष का साम्राज्य विस्तार:
- हर्षवर्धन ने उत्तर भारत में एक बड़े साम्राज्य की स्थापना की। उनका साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक, पूर्व में बंगाल से पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ था।
- कन्नौज (वर्तमान उत्तर प्रदेश) उनकी राजधानी बनी, जहाँ से उन्होंने पूरे उत्तर भारत पर शासन किया। कन्नौज इस समय राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र बना।
- पुलकेशिन द्वितीय से युद्ध:
- दक्षिण भारत के चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय से हर्ष की सेना का युद्ध हुआ, जिसमें हर्ष को नर्मदा नदी के दक्षिण में बढ़ने से रोक दिया गया।
- नर्मदा नदी उत्तर और दक्षिण भारत के बीच विभाजन रेखा के रूप में स्थापित हुई।
- बौद्ध धर्म का संरक्षण:
- हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया। वे बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय के अनुयायी थे, लेकिन उन्होंने हिंदू धर्म के शैव और वैष्णव पंथों को भी संरक्षण दिया।
- कुंभ का प्रारंभ:
- हर्ष ने हर पांच वर्ष में प्रयाग में एक महासम्मेलन का आयोजन किया, जहाँ उन्होंने अपनी संपत्ति दान कर दी। कुछ विद्वानों के अनुसार, इसी महासम्मेलन को वर्तमान में कुंभ मेले के रूप में देखा जाता है।
3. हर्षकालीन संस्कृति और साहित्य (Culture and
Literature During Harsha’s Period):
साहित्य का विकास:
- हर्षवर्धन स्वयं साहित्यकार:
- हर्षवर्धन खुद एक महान साहित्यकार थे। उन्होंने नागानंद, रत्नावली, और प्रियदर्शिका नामक संस्कृत नाटक लिखे, जो उनके साहित्यिक कौशल को दर्शाते हैं।
- बाणभट्ट:
- हर्ष के दरबार के प्रमुख कवि बाणभट्ट थे, जिन्होंने हर्षचरित लिखा। यह ग्रंथ हर्षवर्धन की जीवनी है और तत्कालीन राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का महत्वपूर्ण विवरण प्रस्तुत करता है।
- बाणभट्ट की अन्य प्रमुख कृति कादम्बरी है, जो संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
- श्रमण और बौद्ध साहित्य:
- हर्ष के शासनकाल में बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का प्रसार हुआ, जिसके कारण श्रमण साहित्य का विकास हुआ।
- ह्वेनसांग (Xuanzang), चीनी यात्री, हर्ष के शासनकाल में भारत आए थे। उन्होंने अपनी यात्रा वृत्तांत में हर्ष के राज्य और समाज का वर्णन किया है।
संस्कृति का विकास:
- धार्मिक सहिष्णुता:
- हर्ष ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई। यद्यपि वे बौद्ध धर्म के अनुयायी थे, उन्होंने शैव और वैष्णव पंथों को भी समान रूप से सम्मान दिया।
- उनके शासनकाल में धार्मिक, सांस्कृतिक, और बौद्धिक गतिविधियों को अत्यधिक प्रोत्साहन मिला।
- कला और वास्तुकला:
- हर्ष के शासनकाल में बौद्ध धर्म के मठों और स्तूपों का निर्माण हुआ। उन्होंने बौद्ध तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कराया और धार्मिक सम्मेलन आयोजित किए।
- नालंदा विश्वविद्यालय का विकास हर्ष के शासनकाल में हुआ। यह विश्वविद्यालय बौद्ध शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया और यहाँ पर देश-विदेश से विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते थे।
- समाज और धर्म:
- हर्षकालीन समाज में वर्ण व्यवस्था प्रमुख थी, लेकिन धार्मिक सहिष्णुता और समन्वय देखा गया।
- समाज में ब्राह्मणों का विशेष सम्मान था, साथ ही बौद्ध भिक्षुओं और जैन मुनियों को भी सम्मानित स्थान प्राप्त था।
- बौद्ध धर्म का प्रसार:
- हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने साम्राज्य में बौद्ध मठों और विहारों का निर्माण कराया और बौद्ध विद्वानों को संरक्षण दिया।
- हर्ष ने कई बौद्ध सम्मेलन आयोजित किए और बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
प्रशासनिक व्यवस्था (Administrative
System):
- केंद्रीकृत शासन:
- हर्षवर्धन का शासन एक केंद्रीकृत प्रणाली पर आधारित था, जिसमें सम्राट सर्वोच्च शासक था। प्रशासन के विभिन्न अंगों में महासंधिविग्रहिक (विदेश मामलों के अधिकारी), महाप्रतिहार (सुरक्षा अधिकारी), और राजपुरोहित शामिल थे।
- प्रांतों और जिलों का विभाजन:
- हर्ष के साम्राज्य को प्रांतों (भुक्ति) और जिलों (विषय) में विभाजित किया गया था, जिनका प्रशासन प्रांतीय गवर्नरों के द्वारा किया जाता था।
- कृषि कर मुख्य राजस्व का स्रोत था और कर प्रणाली सुव्यवस्थित थी। किसानों से फसल का हिस्सा कर के रूप में लिया जाता था।
- विदेशी संबंध:
- हर्ष का साम्राज्य चीन और अन्य मध्य एशियाई देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हुए था। चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्ष के शासनकाल में भारत आए और उन्होंने भारतीय समाज, प्रशासन और संस्कृति का विस्तृत वर्णन किया।
प्रश्न 1: पुष्यभूति वंश का संस्थापक कौन था?
A) हर्षवर्धन
B) प्रभाकरवर्धन
C) राजयवर्धन
D) आदित्यवर्धन
सही उत्तर: B) प्रभाकरवर्धन
प्रश्न 2: हर्षवर्धन की राजधानी कहाँ स्थित थी?
A) थानेसर
B) कन्नौज
C) पाटलिपुत्र
D) उज्जैन
सही उत्तर: B) कन्नौज
प्रश्न 3: हर्षवर्धन के शासनकाल में उसने किस धर्म को अपनाया?
A) जैन धर्म
B) हिन्दू धर्म
C) बौद्ध धर्म
D) इस्लाम
सही उत्तर: C) बौद्ध धर्म
प्रश्न 4: हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आए चीनी यात्री का नाम क्या था?
A) फाहियान
B) इब्न बतूता
C) ह्वेनसांग
D) मेगस्थनीज
सही उत्तर: C) ह्वेनसांग
प्रश्न 5: हर्षवर्धन ने निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक लिखा?
A) रत्नावली
B) मृच्छकटिकम्
C) शकुंतला
D) मेघदूत
सही उत्तर: A) रत्नावली
प्रश्न 6: हर्षवर्धन ने अपने साम्राज्य को दक्षिण में किसके शासनकाल में हार का सामना करना पड़ा?
A) राजेंद्र चोल
B) पुलकेशिन II
C) कृष्णदेवराय
D) पृथ्वीराज चौहान
सही उत्तर: B) पुलकेशिन II
प्रश्न 7: हर्षवर्धन के काल में किस भाषा में साहित्य का पुनर्जागरण हुआ?
A) प्राकृत
B) पाली
C) संस्कृत
D) अपभ्रंश
सही उत्तर: C) संस्कृत
प्रश्न 8: हर्षवर्धन के काल में कन्नौज को किस नाम से जाना जाता था?
A) प्रयाग
B) काशी
C) महोदया
D) हस्तिनापुर
सही उत्तर: C) महोदया
प्रश्न 9: हर्षवर्धन ने किस धर्मग्रंथ का अनुवाद चीनी भाषा में करवाया?
A) महाभारत
B) रामायण
C) बोधिसत्त्ववदानकल्पलता
D) उपनिषद
सही उत्तर: C) बोधिसत्त्ववदानकल्पलता
प्रश्न 10: हर्षवर्धन के समय में कौन सा त्यौहार कन्नौज में मनाया जाता था?
A) वैशाखी
B) कुंभ मेला
C) महामोक्षपरिषद
D) होली
सही उत्तर: C) महामोक्षपरिषद
प्रश्न 11: हर्षवर्धन का शासनकाल किस अवधि के दौरान था?
A) 500-550 ईस्वी
B) 606-647 ईस्वी
C) 700-750 ईस्वी
D) 800-850 ईस्वी
सही उत्तर: B)
606-647 ईस्वी
प्रश्न 12: हर्षवर्धन के दरबार में सबसे प्रमुख विद्वान कौन थे?
A) कालिदास
B) बाणभट्ट
C) चाणक्य
D) वाल्मीकि
सही उत्तर: B) बाणभट्ट
प्रश्न 13: हर्षवर्धन के शासनकाल में किस पुस्तक की रचना हुई थी?
A) हर्षचरित
B) महाभारत
C) रामायण
D) पंचतंत्र
सही उत्तर: A) हर्षचरित
प्रश्न 14: हर्षवर्धन ने निम्नलिखित में से किस स्थान पर विजय प्राप्त की थी?
A) उज्जैन
B) पाटलिपुत्र
C) मथुरा
D) काशी
सही उत्तर: C) मथुरा
प्रश्न 15: हर्षवर्धन के शासनकाल में शिक्षा का मुख्य केंद्र कौन सा था?
A) नालंदा
B) तक्षशिला
C) विक्रमशिला
D) कांची
सही उत्तर: A) नालंदा
प्रश्न 16: हर्षवर्धन के समय में किस धर्म ने सर्वाधिक प्रचार प्राप्त किया?
A) हिन्दू धर्म
B) बौद्ध धर्म
C) जैन धर्म
D) सिख धर्म
सही उत्तर: B) बौद्ध धर्म
प्रश्न 17: हर्षवर्धन के शासनकाल में कन्नौज का महत्व क्यों बढ़ा?
A) धार्मिक केंद्र
B) व्यापारिक केंद्र
C) प्रशासनिक केंद्र
D) शिक्षा का केंद्र
सही उत्तर: C) प्रशासनिक केंद्र
प्रश्न 18: हर्षवर्धन ने किस नदी के तट पर धार्मिक सभा का आयोजन किया था?
A) गंगा
B) यमुना
C) गोदावरी
D) नर्मदा
सही उत्तर: A) गंगा
प्रश्न 19: हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद कौन सा वंश सत्ता में आया?
A) चालुक्य
B) राष्ट्रकूट
C) गुप्त
D) पल्लव
सही उत्तर: A) चालुक्य
प्रश्न 20: हर्षवर्धन के काल में सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विश्वविद्यालय कौन सा था?
A) विक्रमशिला
B) तक्षशिला
C) नालंदा
D) ओदंतपुरी
सही उत्तर: C) नालंदा