प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान

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5. वैदिक सभ्यता:- प्रारंभिक और उत्तरवर्ती वैदिक काल सामाजिक संरचना और धार्मिक प्रथाएँ, साहित्य और दर्शन

वैदिक सभ्यता

वैदिक सभ्यता भारत की प्राचीन सभ्यता हैजो वेदों के साहित्यिक ग्रंथों पर आधारित है। यह सभ्यता आर्यों के भारत में आगमन के बाद से लेकर लगभग 1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक फैली हुई थी। वैदिक सभ्यता को दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैप्रारंभिक वैदिक काल और उत्तरवर्ती वैदिक काल

1. प्रारंभिक और उत्तरवर्ती वैदिक काल

प्रारंभिक वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व - 1000 ईसा पूर्व): इस काल की जानकारी हमें ऋग्वेद से प्राप्त होती है। इस काल में आर्यों का जीवन सरल और प्राकृतिक था। वे छोटे-छोटे जनसमूहों में रहते थेजिन्हें 'जनकहा जाता था। यह काल मुख्य रूप से पंजाब और उसके आसपास के क्षेत्र में बसा हुआ था। प्रारंभिक वैदिक काल में आर्यों का प्रमुख व्यवसाय कृषि और पशुपालन था। परिवार समाज की आधारभूत इकाई थीऔर राजा को समाज का मुखिया माना जाता था।

उत्तरवर्ती वैदिक काल (1000 ईसा पूर्व - 600 ईसा पूर्व): इस काल में आर्यों का विस्तार गंगा-यमुना के मैदानों तक हो गया। इस काल की जानकारी हमें सामवेदयजुर्वेदअथर्ववेद और ब्राह्मण ग्रंथों से मिलती है। इस काल में समाज और राज्य व्यवस्था अधिक संगठित और जटिल हो गई। राजसत्ता की शक्ति बढ़ने लगी और राज्य का विस्तार हुआ। इस काल में काशिकोसलविदेहऔर मगध जैसे बड़े महाजनपदों का उदय हुआ।

2. सामाजिक संरचना और धार्मिक प्रथाएँ

वैदिक समाज में परिवार को सामाजिक संगठन की आधारभूत इकाई माना जाता था। परिवार पितृसत्तात्मक थाजिसमें पिता परिवार का प्रमुख होता था। वैदिक समाज चार वर्णों में विभाजित थाब्राह्मण (पुरोहित), क्षत्रिय (योद्धा), वैश्य (व्यापारी), और शूद्र (सेवक) प्रारंभिक वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था कठोर नहीं थीलेकिन उत्तरवर्ती वैदिक काल में यह कठोर हो गई और जन्म आधारित हो गई।

धार्मिक प्रथाओं में यज्ञ और बलि का महत्वपूर्ण स्थान था। वैदिक लोग अनेक देवी-देवताओं की पूजा करते थेजिनमें अग्निइंद्रसूर्यवायु आदि प्रमुख थे। उत्तरवर्ती वैदिक काल में धार्मिक अनुष्ठान जटिल हो गए और ब्राह्मणों का प्रभाव बढ़ गया।

3. साहित्य और दर्शन

वैदिक सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक योगदान वेद हैं। वेद चार हैंऋग्वेदसामवेदयजुर्वेदऔर अथर्ववेद ये ग्रंथ  केवल धार्मिक मंत्रों और यज्ञ विधियों का संग्रह हैंबल्कि इनमें उस समय के समाजराजनीतिऔर अर्थव्यवस्था की भी झलक मिलती है।

वेदों के अलावा ब्राह्मण ग्रंथआरण्यकऔर उपनिषद भी वैदिक साहित्य का हिस्सा हैं। उपनिषदों में दार्शनिक विचारों का विकास हुआजहाँ आत्माब्रह्ममोक्षऔर कर्म जैसी अवधारणाओं पर विचार किया गया। उपनिषदों को वेदांत के नाम से भी जाना जाता है और यह भारतीय दर्शन के आधारस्तंभ हैं।

इस प्रकारवैदिक सभ्यता भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैजिसने भारतीय समाजधर्मऔर दर्शन पर गहरा प्रभाव डाला है।

महत्वपूर्ण बिंदु

1. प्रारंभिक और उत्तरवर्ती वैदिक काल (Early and Later Vedic Period):

  • प्रारंभिक वैदिक काल (Early Vedic Period):
    • लगभग 1500 .पूसे 1000 .पूतक का समय प्रारंभिक वैदिक काल कहलाता है।
    • यह काल मुख्य रूप से ऋग्वेद पर आधारित थाजो इस काल का सबसे प्रमुख साहित्य है।
    • प्रारंभिक वैदिक समाज एक यायावर समाज थाजो मुख्य रूप से पशुपालन पर आधारित था।
  • उत्तरवर्ती वैदिक काल (Later Vedic Period):
    • लगभग 1000 .पूसे 600 .पूतक का समय उत्तरवर्ती वैदिक काल कहलाता है।
    • इस समय में समाज अधिक स्थिर और कृषि-आधारित हो गया।
    • यजुर्वेदसामवेदऔर अथर्ववेद का विकास हुआजो उत्तरवर्ती वैदिक समाज के धार्मिक और सामाजिक जीवन का वर्णन करते हैं।
    • स्थायी बस्तियों और नगरों का विकास इस काल में हुआजिससे समाज अधिक संगठित हुआ।

2. सामाजिक संरचना (Social Structure):

  • वर्ण व्यवस्था (Varna System):
    • प्रारंभिक वैदिक काल में समाज का विभाजन लचीला था और कर्म के आधार पर वर्गीकरण था।
    • उत्तरवर्ती वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था अधिक कठोर हो गई और समाज को चार प्रमुख वर्णों में बाँटा गया:
      • ब्राह्मण (पुरोहित वर्ग),
      • क्षत्रिय (योद्धा वर्ग),
      • वैश्य (व्यापारी और कृषक वर्ग),
      • शूद्र (सेवक वर्ग)
    • समाज में जाति व्यवस्था का उदय हुआ और वर्ण व्यवस्था अधिक जटिल और स्थिर हो गई।
  • पारिवारिक व्यवस्था (Family Structure):
    • प्रारंभिक वैदिक काल में परिवार पितृसत्तात्मक थालेकिन महिलाओं को सम्मान और स्वतंत्रता प्राप्त थी। वे शिक्षा प्राप्त कर सकती थीं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले सकती थीं।
    • उत्तरवर्ती वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति में गिरावट आई और उनका धार्मिक और सामाजिक अधिकार सीमित होने लगा।
  • गृहस्थ जीवन (Household Life):
    • वैदिक समाज में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका थी और विवाह को धार्मिक अनुष्ठान के रूप में देखा जाता था।
    • बहुपत्नी प्रथा भी उत्तरवर्ती वैदिक काल में प्रचलित हो गई थी।

3. धार्मिक प्रथाएँ (Religious Practices):

  • प्रारंभिक वैदिक धर्म:
    • प्रारंभिक वैदिक काल में प्रकृति की पूजा का प्रचलन था। देवताओं को प्राकृतिक शक्तियों के रूप में देखा जाता था जैसे:
      • अग्नि (अग्नि देव),
      • इंद्र (वर्षा और युद्ध के देवता),
      • वरुण (सामाजिक व्यवस्था के देवता),
      • सूर्य (सूर्य देवता)
    • यज्ञ और हवन धार्मिक अनुष्ठानों का मुख्य अंग थे। यज्ञ के माध्यम से देवताओं को प्रसन्न किया जाता था।
  • उत्तरवर्ती वैदिक धर्म:
    • उत्तरवर्ती वैदिक काल में यज्ञ और अनुष्ठानों का महत्व बढ़ गयाऔर पुरोहित वर्ग (ब्राह्मणकी शक्ति बढ़ी।
    • जटिल यज्ञों और अनुष्ठानों का प्रचलन हुआजिससे समाज में धार्मिक असमानता उत्पन्न हुई।
    • वैदिक धर्म से उपनिषदों के दार्शनिक विचार उभरेजिसमें आत्मा (आत्मनऔर ब्रह्म (सर्वोच्च शक्तिकी अवधारणाएँ विकसित हुईं।

4. साहित्य (Literature):

  • वेद (Vedas):
    • ऋग्वेदयह सबसे प्राचीन वेद हैजिसमें देवताओं की स्तुति की गई है और प्रारंभिक वैदिक समाज का चित्रण किया गया है।
    • यजुर्वेदयज्ञों और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान उच्चारित किए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।
    • सामवेदइसमें गीतों और मंत्रों का संग्रह हैजो यज्ञों के समय गाए जाते थे।
    • अथर्ववेदइसमें जादू-टोनातंत्र-मंत्रऔर चिकित्सा से संबंधित मंत्रों का संग्रह है।
  • ब्राह्मण ग्रंथ (Brahmanas):
    • ये ग्रंथ वेदों की व्याख्या और यज्ञ अनुष्ठानों की विधियों से संबंधित हैं।
  • आरण्यक और उपनिषद (Aranyakas and Upanishads):
    • आरण्यकइनमें यज्ञों के दार्शनिक पक्ष का वर्णन है।
    • उपनिषदये दार्शनिक ग्रंथ हैंजो ब्रह्मआत्माऔर मोक्ष जैसे गूढ़ विषयों पर आधारित हैं। इन्हें वैदिक साहित्य का ज्ञानकांड कहा जाता है।

5. दर्शन (Philosophy):

  • प्रारंभिक वैदिक दर्शन:
    • प्रारंभिक वैदिक काल में प्रकृति की पूजा और कर्मकांड प्रमुख थेजिनका उद्देश्य इहलोक और परलोक की सुख-समृद्धि थी।
    • यज्ञों और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक कर्मकांडों का पालन किया जाता था।
  • उत्तरवर्ती वैदिक दर्शन:
    • उत्तरवर्ती वैदिक काल में उपनिषदों के माध्यम से दार्शनिक विचारधारा का विकास हुआ।
    • ब्रह्म और आत्मा की एकताकर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतऔर मोक्ष की अवधारणा इस काल में उभरी।
    • तत्त्वज्ञानउपनिषदों में ब्रह्मांड के मूल कारण और जीवन के उद्देश्य पर गहन चर्चा की गई। "तत्त्वमसि" (तू वही हैऔर "अहं ब्रह्मास्मि" (मैं ब्रह्म हूँजैसे महत्वपूर्ण दार्शनिक विचार प्रस्तुत किए गए।





वैदिक सभ्यता पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न और उनके उत्तर:

  1. प्रारंभिक वैदिक काल का प्रमुख ग्रंथ कौन सा है?
    (a)
    सामवेद
    (b)
    यजुर्वेद
    (c)
    ऋग्वेद
    (d)
    अथर्ववेद
    उत्तर: (c) ऋग्वेद
  2. वैदिक समाज में मुख्य रूप से कितने वर्ण होते थे?
    (a)
    दो
    (b)
    तीन
    (c)
    चार
    (d)
    पाँच
    उत्तर: (c) चार
  3. उत्तरवर्ती वैदिक काल में मुख्य धार्मिक अनुष्ठान कौन सा था?
    (a)
    पूजा
    (b)
    यज्ञ
    (c)
    ध्यान
    (d)
    व्रत
    उत्तर: (b) यज्ञ
  4. वैदिक काल में वर्णों का विभाजन किस आधार पर किया गया था?
    (a)
    कर्म
    (b)
    जन्म
    (c)
    संपत्ति
    (d)
    शिक्षा
    उत्तर: (a) कर्म
  5. ऋग्वेद में किस देवता को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है?
    (a)
    अग्नि
    (b)
    इंद्र
    (c)
    सूर्य
    (d)
    वायु
    उत्तर: (b) इंद्र
  6. वैदिक समाज में विवाह को क्या माना जाता था?
    (a)
    धर्म
    (b)
    सामाजिक अनुबंध
    (c)
    धार्मिक अनुष्ठान
    (d)
    जीवन का लक्ष्य
    उत्तर: (c) धार्मिक अनुष्ठान
  7. वैदिक काल में राजा की क्या भूमिका होती थी?
    (a)
    धर्म का पालन करना
    (b)
    युद्ध करना
    (c)
    न्याय देना
    (d)
    सभी उपरोक्त
    उत्तर: (d) सभी उपरोक्त
  8. वैदिक काल में किस फसल की खेती मुख्य रूप से की जाती थी?
    (a)
    चावल
    (b)
    गेहूं
    (c)
    जौ
    (d)
    मक्का
    उत्तर: (c) जौ
  9. उत्तरवर्ती वैदिक काल में सबसे प्रमुख राज्य कौन सा था?
    (a)
    मगध
    (b)
    कोसल
    (c)
    विदेह
    (d)
    काशी
    उत्तर: (a) मगध
  10. वैदिक काल में शिक्षा का मुख्य केंद्र क्या था?
    (a)
    गुरुकुल
    (b)
    विद्यालय
    (c)
    विश्वविद्यालय
    (d)
    महाविद्यालय
    उत्तर: (a) गुरुकुल
  11. वैदिक काल में सामाजिक संरचना कैसी थी?
    (a)
    मातृसत्तात्मक
    (b)
    पितृसत्तात्मक
    (c)
    लोकतांत्रिक
    (d)
    समतावादी
    उत्तर: (b) पितृसत्तात्मक
  12. वैदिक काल में 'राजसूय' यज्ञ का उद्देश्य क्या था?
    (a)
    धन संग्रह
    (b)
    राज्य की स्थापना
    (c)
    राजा का अभिषेक
    (d)
    युद्ध की घोषणा
    उत्तर: (c) राजा का अभिषेक
  13. वैदिक समाज में व्यापार का मुख्य साधन क्या था?
    (a)
    वस्तु विनिमय
    (b)
    मुद्रा
    (c)
    उधार
    (d)
    अनाज
    उत्तर: (a) वस्तु विनिमय
  14. वैदिक काल में किस देवता को सूर्य का प्रतीक माना जाता था?
    (a)
    अग्नि
    (b)
    इंद्र
    (c)
    वरुण
    (d)
    मित्र
    उत्तर: (d) मित्र
  15. वैदिक साहित्य में 'ब्रह्मण' ग्रंथों का क्या महत्व है?
    (a)
    धार्मिक अनुष्ठान
    (b)
    सामाजिक नियम
    (c)
    राजनीतिक विचार
    (d)
    दार्शनिक चिंतन
    उत्तर: (a) धार्मिक अनुष्ठान
  16. वैदिक समाज में किस प्रकार की विवाह प्रथा प्रचलित थी?
    (a)
    बहुपत्नी
    (b)
    बहुपति
    (c)
    एकपत्नी
    (d)
    स्वतंत्र विवाह
    उत्तर: (c) एकपत्नी
  17. वैदिक काल में 'गृहस्थाश्रम' का क्या उद्देश्य था?
    (a)
    अध्ययन
    (b)
    धार्मिक अनुष्ठान
    (c)
    विवाह और परिवार की देखभाल
    (d)
    तपस्या
    उत्तर: (c) विवाह और परिवार की देखभाल
  18. वैदिक समाज में 'गायत्री मंत्र' किस वेद का हिस्सा है?
    (a)
    ऋग्वेद
    (b)
    सामवेद
    (c)
    यजुर्वेद
    (d)
    अथर्ववेद
    उत्तर: (a) ऋग्वेद
  19. वैदिक काल के 'महाजनपद' शब्द का क्या अर्थ है?
    (a)
    छोटे राज्य
    (b)
    बड़े राज्य
    (c)
    समाज
    (d)
    व्यापार केंद्र
    उत्तर: (b) बड़े राज्य
  20. वैदिक काल में किस देवता को 'वरुण' का रूप माना जाता था?
    (a)
    न्याय का देवता
    (b)
    जल का देवता
    (c)
    सूर्य का देवता
    (d)
    पवन का देवता
    उत्तर: (b) जल का देवता

ये प्रश्न वैदिक सभ्यता के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं और परीक्षा की तैयारी के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

 

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