प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
15. शक और कुषाण, शक साम्राज्य का विस्तार, कुषाण साम्राज्य और कनिष्क
शक
साम्राज्य का विस्तार
शक
(सिथियन) एक घुमंतू जनजाति
थी जो मध्य एशिया
से भारतीय उपमहाद्वीप में आई थी।
शक साम्राज्य का विस्तार 1st सदी
ई.पू. से शुरू
हुआ और ये उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न
क्षेत्रों में फैल गए।
उनका शासन मुख्य रूप
से गुजरात, सौराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिमी भारत
के अन्य हिस्सों में
था। शक शासकों ने
एक समृद्ध और संगठित प्रशासन
की स्थापना की। उन्होंने भारतीय
संस्कृति और प्रशासन में
महत्वपूर्ण योगदान दिया। शक राजाओं ने
अनेक सिक्के जारी किए, जिन
पर ग्रीक और भारतीय शैलियों
का मिश्रण देखने को मिलता है।
उनके शासनकाल में कला और
संस्कृति का भी विकास
हुआ।
कुषाण
साम्राज्य और कनिष्क
कुषाण
एक अन्य घुमंतू जनजाति
थी जो मध्य एशिया
से भारत आई। कुषाण
साम्राज्य की स्थापना 1st सदी
ईस्वी में हुई थी,
और इसका प्रमुख विस्तार
राजा कनिष्क के शासनकाल में
हुआ। कनिष्क ने पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत, अफगानिस्तान, और मध्य एशिया
के कई हिस्सों पर
शासन किया। उसका शासनकाल भारतीय
इतिहास में एक महत्वपूर्ण
मोड़ था क्योंकि उन्होंने
बौद्ध धर्म के प्रसार
में अहम भूमिका निभाई।
कनिष्क के समय में गांधार कला का विकास हुआ, जो ग्रीक और भारतीय कला के सम्मिश्रण से बनी थी। बौद्ध धर्म के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें महान बौद्ध शासकों में से एक बना दिया। उन्होंने बौद्ध धर्म की चौथी संगीति का आयोजन किया, जिसमें बौद्ध साहित्य का संस्कृत में अनुवाद किया गया। कुषाण साम्राज्य के शासनकाल में व्यापार और वाणिज्य भी बहुत फला-फूला, और सिल्क रोड के माध्यम से पश्चिम और पूर्व के बीच व्यापार के नए रास्ते खोले गए।
महत्वपूर्ण बिंदु
शक और कुषाण (Sakas and Kushans)
1. शक साम्राज्य
का विस्तार (Expansion of the Saka Empire):
- शकों का परिचय (Introduction to
Sakas):
- शक (Sakas) मध्य एशिया के स्किथियाई
खानाबदोश थे, जिन्हें भारत में शक के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मौर्य
साम्राज्य के पतन के बाद भारत पर आक्रमण किया।
- शकों का आगमन लगभग 2वीं शताब्दी
ईसा पूर्व में हुआ, जब उन्होंने उत्तर-पश्चिमी भारत, गुजरात, राजस्थान, और मध्य
भारत के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
- शक शासन की स्थापना
(Establishment of Saka Rule):
- शकों ने पश्चिमी और उत्तरी भारत
में अपनी सत्ता स्थापित की और उनका शासन मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, और
पश्चिमी भारत के क्षेत्रों तक फैला।
- शकों का सबसे महत्वपूर्ण राजा मौएस
या मोगा था, जिसने शक शक्ति की नींव रखी।
- रुद्रदामन (Rudradaman):
- रुद्रदामन शकों का सबसे प्रसिद्ध
राजा था, जिसने गुजरात और मालवा क्षेत्र में शक साम्राज्य को मजबूती दी। उसका
शासनकाल 150 ईस्वी के आसपास था।
- रुद्रदामन का प्रसिद्ध जुनागढ़
शिलालेख यह बताता है कि उसने सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवाया और क्षेत्रीय
शासकों को पराजित किया।
- उसने पश्चिमी भारत पर प्रभावी ढंग
से शासन किया और संस्कृत साहित्य का संरक्षक बना। उसके शासन में प्रशासनिक और
सामाजिक सुधार भी हुए।
- शकों का प्रभाव (Saka
Influence):
- शकों ने भारत में भारतीय परंपराओं
को अपनाया और उन्हें भारतीय समाज का हिस्सा बनाया। उनके शासनकाल में भारतीय और
विदेशी परंपराओं का मिश्रण हुआ।
- शकों ने बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म
को संरक्षण दिया, जिससे इन धर्मों का प्रसार हुआ। वे व्यापार और कला को प्रोत्साहित
करने वाले शासक थे।
2. कुषाण
साम्राज्य (Kushan Empire):
- कुषाणों का उदय (Rise of the
Kushans):
- कुषाण मध्य एशिया के युएझ़ी
(Yuezhi) जनजाति से संबंधित थे, जिन्होंने लगभग 1वीं शताब्दी ईस्वी में भारतीय
उपमहाद्वीप पर आक्रमण किया और अपना साम्राज्य स्थापित किया।
- कुषाण साम्राज्य ने उत्तर-पश्चिमी
भारत, अफगानिस्तान, मध्य एशिया, और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।
- कुषाण साम्राज्य का विस्तार
(Expansion of the Kushan Empire):
- कुषाणों का साम्राज्य काबुल,
पेशावर, गंधार, कश्मीर, मथुरा, और उत्तरी भारत तक
फैला। इस साम्राज्य का केंद्र वर्तमान अफगानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत था।
- कुषाणों की दो शाखाएँ (Two
Branches of the Kushans):
- कुषाणों की दो प्रमुख शाखाएँ थीं:
एक ने अफगानिस्तान और पश्चिमी हिस्सों में शासन किया और दूसरी ने मथुरा और उत्तरी
भारत पर।
- कुषाणों का सबसे प्रसिद्ध शासक
कनिष्क था, जिसने मथुरा और पेशावर को अपने साम्राज्य का केंद्र बनाया।
3. कनिष्क
(Kanishka):
- कनिष्क का शासनकाल (Reign of
Kanishka):
- कनिष्क, कुषाण साम्राज्य का सबसे
महान शासक माना जाता है। उसका शासनकाल लगभग 78 ईस्वी से 144 ईस्वी तक फैला था।
- कनिष्क ने अपना साम्राज्य मध्य
एशिया से लेकर उत्तरी भारत तक विस्तारित किया। उसने कश्मीर, गंधार, पंजाब, और
मथुरा को अपने शासन में सम्मिलित किया।
- कनिष्क और बौद्ध धर्म (Kanishka
and Buddhism):
- कनिष्क ने बौद्ध धर्म को राज्य
धर्म के रूप में अपनाया और बौद्ध धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उसका शासन बौद्ध कला और संस्कृति के विकास के लिए जाना जाता है।
- उसने चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन
कश्मीर में करवाया, जहाँ बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का विकास हुआ।
इस संगीति में बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान शाखाओं का विभाजन हुआ।
- कनिष्क का सांस्कृतिक योगदान
(Cultural Contributions of Kanishka):
- कनिष्क ने गंधार शैली के
विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें ग्रीक और भारतीय कला का मिश्रण हुआ।
गंधार शैली में बुद्ध की मूर्तियाँ बनाई गईं, जो ग्रीक और रोमन शैली से प्रभावित
थीं।
- मथुरा शैली के विकास में भी कनिष्क
का योगदान रहा, जहाँ भारतीय शैली में बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ।
- कनिष्क और रेशम मार्ग (Kanishka
and the Silk Route):
- कनिष्क के शासनकाल में रेशम
मार्ग (Silk Route) के माध्यम से व्यापार का प्रसार हुआ, जिससे भारत, मध्य
एशिया, चीन, और यूरोप के बीच व्यापारिक संबंध स्थापित हुए।
- उसके शासनकाल में व्यापार, कला,
और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रसार हुआ, जिससे कुषाण साम्राज्य व्यापारिक और
सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक समृद्ध हुआ।
- कनिष्क के सिक्के (Coins of
Kanishka):
- कनिष्क ने उच्च गुणवत्ता के सिक्कों
का प्रचलन किया, जिन पर विभिन्न भारतीय और ग्रीक देवताओं की छवियाँ अंकित थीं।
इन सिक्कों पर बौद्ध धर्म के प्रतीक भी मिलते हैं।
4. कुषाण
साम्राज्य का पतन (Decline of the Kushan Empire):
- साम्राज्य का पतन:
- कनिष्क की मृत्यु के बाद कुषाण
साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। उसका साम्राज्य छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित
हो गया और 3वीं शताब्दी तक इसका पतन हो गया।
- बाद में गुप्त वंश और अन्य स्थानीय
राजवंशों ने कुषाणों के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
- सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव:
- हालांकि कुषाण साम्राज्य का पतन
हो गया, लेकिन उनका सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप में लंबे
समय तक बना रहा। गंधार और मथुरा की कलाओं का प्रभाव बाद की भारतीय मूर्तिकला
पर पड़ा।
- बौद्ध धर्म के प्रचार और महायान
संप्रदाय के विकास में कुषाण शासकों, विशेषकर कनिष्क का योगदान अमूल्य रहा।
1.
शक
साम्राज्य का विस्तार किस सदी में शुरू हुआ था?
(A) 3rd सदी
ई.पू.
(B) 1st सदी
ई.पू.
(C) 5th सदी
ईस्वी
(D) 2nd सदी
ईस्वी
उत्तर:
(B) 1st सदी ई.पू.
2.
कुषाण
साम्राज्य की स्थापना किस जनजाति ने की थी?
(A) हूण
(B) शक
(C) यवन
(D) कुषाण
उत्तर:
(D) कुषाण
3.
कनिष्क
का शासनकाल मुख्य रूप से किस धर्म के प्रसार के लिए जाना जाता है?
(A) जैन
धर्म
(B) शैव
धर्म
(C) बौद्ध
धर्म
(D) वैदिक
धर्म
उत्तर:
(C) बौद्ध धर्म
4.
शक
साम्राज्य का मुख्य क्षेत्र कौन सा था?
(A) पूर्वी
भारत
(B) दक्षिण
भारत
(C) पश्चिमी
भारत
(D) उत्तरी
भारत
उत्तर:
(C) पश्चिमी भारत
5.
कनिष्क
के समय में किस कला का विकास हुआ?
(A) मौर्य
कला
(B) गांधार
कला
(C) गुप्त
कला
(D) चालुक्य
कला
उत्तर:
(B) गांधार कला
6.
शक
शासकों ने किस प्रकार के सिक्के जारी किए थे?
(A) सोने
के सिक्के
(B) तांबे
के सिक्के
(C) ग्रीक-भारतीय मिश्रण के सिक्के
(D) केवल
भारतीय शैली के सिक्के
उत्तर:
(C) ग्रीक-भारतीय मिश्रण के सिक्के
7.
कुषाण
साम्राज्य का विस्तार किन क्षेत्रों में हुआ?
(A) दक्षिण
भारत और श्रीलंका
(B) उत्तर-पश्चिमी भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशिया
(C) पूर्वी
भारत और तिब्बत
(D) केवल
उत्तर भारत
उत्तर:
(B) उत्तर-पश्चिमी भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशिया
8.
कनिष्क
ने किस संगीति का आयोजन किया था?
(A) तृतीय
बौद्ध संगीति
(B) द्वितीय
बौद्ध संगीति
(C) चतुर्थ
बौद्ध संगीति
(D) पंचम
बौद्ध संगीति
उत्तर:
(C) चतुर्थ बौद्ध संगीति
9.
शक
साम्राज्य के शासनकाल में किस क्षेत्र में विशेष विकास हुआ?
(A) कृषि
(B) वास्तुकला
(C) साहित्य
(D) व्यापार
उत्तर:
(D) व्यापार
10. कनिष्क के समय में बौद्ध धर्म का मुख्य केंद्र कौन सा था?
(A) पाटलिपुत्र
(B) तक्षशिला
(C) काशी
(D) मथुरा
उत्तर:
(B) तक्षशिला
11. शक शासकों का प्रशासनिक केंद्र कहां था?
(A) पाटलिपुत्र
(B) उज्जैन
(C) मगध
(D) सोपारा
उत्तर:
(B) उज्जैन
12. कुषाण शासकों ने मुख्य रूप से किस क्षेत्र में कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया?
(A) वैदिक
परंपराएं
(B) ग्रीक
और भारतीय मिश्रण
(C) आर्य
परंपराएं
(D) द्रविड़
परंपराएं
उत्तर:
(B) ग्रीक और भारतीय मिश्रण
13. शक साम्राज्य के शासनकाल के दौरान कौन सी भाषा प्रमुख थी?
(A) संस्कृत
(B) ग्रीक
(C) पाली
(D) ब्राह्मी
उत्तर:
(D) ब्राह्मी
14. कनिष्क के शासनकाल में किस बौद्ध संप्रदाय को विशेष प्रोत्साहन मिला?
(A) थेरवाद
(B) महायान
(C) हीनयान
(D) वज्रयान
उत्तर:
(B) महायान
15. कनिष्क ने किस नदी के किनारे अपने साम्राज्य की स्थापना की थी?
(A) गंगा
(B) सिन्धु
(C) काबुल
(D) यमुना
उत्तर:
(B) सिन्धु
16. शक साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध राजा कौन था?
(A) चंद्रगुप्त
मौर्य
(B) रुद्रदामन
(C) बिम्बिसार
(D) अशोक
उत्तर:
(B) रुद्रदामन
17. कुषाण साम्राज्य के सबसे महत्वपूर्ण राजा कौन थे?
(A) कनिष्क
(B) अशोक
(C) चंद्रगुप्त
(D) समुद्रगुप्त
उत्तर:
(A) कनिष्क
18. शक और कुषाण दोनों ने किस क्षेत्र में अपनी प्रमुख गतिविधियां संचालित की?
(A) तिब्बत
(B) दक्षिण
भारत
(C) उत्तर-पश्चिम भारत
(D) पूर्वी
भारत
उत्तर:
(C) उत्तर-पश्चिम भारत
19. कनिष्क के शासनकाल के दौरान किस साहित्य का अनुवाद संस्कृत में किया गया?
(A) महाभारत
(B) रामायण
(C) बौद्ध
साहित्य
(D) उपनिषद
उत्तर:
(C) बौद्ध साहित्य
20. शक और कुषाण दोनों के शासनकाल में किस प्रकार की मुद्रा का प्रचलन था?
(A) केवल
सोने की मुद्रा
(B) केवल
चांदी की मुद्रा
(C) सोने
और चांदी की मिश्रित मुद्रा
(D) केवल
तांबे की मुद्रा
उत्तर:
(C) सोने और चांदी की
मिश्रित मुद्रा