प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान

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9. शैवधर्म, शैव परंपराएँ और पूजा पद्धतियाँ शैव धर्म के प्रमुख केंद्र

शैवधर्म का वर्णन

शैवधर्म हिंदू धर्म की प्रमुख शाखाओं में से एक हैजिसमें भगवान शिव को सर्वोच्च देवता के रूप में पूजा जाता है। शैवधर्म की उत्पत्ति वैदिक काल से मानी जाती है और यह धीरे-धीरे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विकसित हुआ।

शैव परंपराएँ और पूजा पद्धतियाँ

शैवधर्म की परंपराओं में भगवान शिव को विभिन्न रूपों में पूजा जाता हैजैसे लिंग रूप मेंनटराज रूप मेंऔर भगवान रुद्र के रूप में। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता हैऔर इसे सबसे प्रमुख रूप में पूजा जाता है। शैव साधु-संन्यासी भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए कठोर तपस्या करते हैं और अक्सर भस्मरुद्राक्ष और तांत्रिक विधियों का पालन करते हैं।

शैवधर्म में पूजा पद्धतियाँ विविध हैं। इसमें शिवलिंग की पूजाअभिषेक (दूधजलघीशहद से स्नान), रुद्राष्टाध्यायी का पाठऔर महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों का आयोजन शामिल है। भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता हैऔर इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और शिवालयों में जाकर पूजा करते हैं।

शैव धर्म के प्रमुख केंद्र

शैवधर्म के प्रमुख केंद्र भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। कुछ प्रमुख केंद्र इस प्रकार हैं:

  1. काशी (वाराणसी): काशी विश्वनाथ मंदिरजो भगवान शिव को समर्पित हैशैवधर्म का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह मंदिर भारत के प्राचीनतम शिवालयों में से एक है और इसे अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
  2. कांचीपुरम: तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एकंतेश्वर मंदिर और कांची कामाक्षी मंदिर शैवधर्म के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहाँ भगवान शिव को एकंतेश्वर (एकांत के देवताके रूप में पूजा जाता है।
  3. सोमनाथ: गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और शैवधर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर कई बार विध्वंस के बाद पुनर्निर्मित किया गया है।
  4. अमरनाथ: जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा एक अत्यंत पवित्र शैव स्थल हैजहाँ प्राकृतिक शिवलिंग बर्फ से निर्मित होता है। यहाँ लाखों श्रद्धालु हर साल दर्शन के लिए आते हैं।
  5. त्र्यंबकेश्वर: महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसका शैवधर्म में महत्वपूर्ण स्थान है।

इन स्थानों के अलावा भी भारत के कई अन्य हिस्सों में शैवधर्म के महत्वपूर्ण केंद्र स्थित हैंजहाँ भगवान शिव की पूजा की जाती है। शैवधर्म ने भारतीय संस्कृतिकलाऔर साहित्य पर गहरा प्रभाव डाला है और यह आज भी हिंदू धर्म की एक प्रमुख धारा के रूप में विद्यमान है।

 

महत्वपूर्ण बिंदु

शैवधर्म (Shaivism)

1. शैवधर्म का परिचय (Introduction to Shaivism):

  • शैवधर्म:
    • शैवधर्म हिंदू धर्म की प्रमुख शाखाओं में से एक है, जिसमें भगवान शिव की पूजा सर्वोच्च देवता के रूप में की जाती है।
    • शैव अनुयायियों को शैव कहा जाता है, और वे शिव को संहारक और सृष्टि के संरक्षक के रूप में मानते हैं।
  • भगवान शिव:
    • शिव को त्रिदेवों में से एक माना जाता है (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) और उनका मुख्य कार्य सृष्टि की संरचना, संरक्षण, और विनाश है।
    • शिव को महादेवनटराज, और भोलेनाथ के रूप में भी पूजा जाता है।

2. शैव परंपराएँ (Shaiva Traditions):

  • स्मार्त परंपरा:
    • स्मार्त परंपरा में शिव को पाँच प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है। स्मार्त अनुयायी शिव सहित अन्य देवताओं की पूजा करते हैं।
  • पाशुपत संप्रदाय (Pashupata Sect):
    • यह शैव परंपरा भगवान शिव को पशुओं के स्वामी (पशुपति) के रूप में पूजती है।
    • इसका प्रचारक लक्ष्मणाचार्य माना जाता है और यह विशेष रूप से गुप्तकाल और मौर्यकाल में फला-फूला।
  • कपालिक संप्रदाय:
    • यह शैव धर्म की एक अत्यधिक तपस्वी और तांत्रिक परंपरा थी, जिसमें तपस्या और शिव की साधना के लिए अति कठोर साधनाएँ की जाती थीं।
  • काश्मीर शैवमत (Kashmir Shaivism):
    • कश्मीर शैवमत एक तांत्रिक दर्शन पर आधारित था, जिसमें शिव को सर्वोच्च ब्रह्म और सृजनात्मक ऊर्जा के स्रोत के रूप में देखा जाता है।
    • अभिनवगुप्त इसके प्रमुख दार्शनिक थे, जिन्होंने इस परंपरा को विकसित किया।
  • वीरशैव या लिंगायत संप्रदाय (Veerashaiva or Lingayat Tradition):
    • यह दक्षिण भारत, विशेषकर कर्नाटक में प्रचलित शैव परंपरा है, जिसमें भक्त शिवलिंग की पूजा करते हैं।
    • इसके संस्थापक बसवेश्वर थे, जिन्होंने समानता, जाति विरोध, और नैतिकता पर बल दिया।

3. शैव पूजा पद्धतियाँ (Shaiva Worship Practices):

  • शिवलिंग पूजा:
    • शिव की पूजा का सबसे प्रमुख रूप शिवलिंग के रूप में होता है, जो शिव की निराकार और सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक है।
    • जल, दूध, शहद, और बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं, और यह पूजा अभिषेक के रूप में जानी जाती है।
  • नटराज पूजा:
    • शिव को नटराज (नृत्य के देवता) के रूप में भी पूजा जाता है, जो उनकी तांडव मुद्रा का प्रतीक है। तांडव नृत्य सृष्टि, संरक्षण और विनाश का प्रतीक है।
  • महाशिवरात्रि:
    • महाशिवरात्रि शैव अनुयायियों का प्रमुख त्योहार है, जो भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग पर पूजा, उपवास, और रात भर जागरण किया जाता है।
  • तांडव और लास्य:
    • तांडव शिव के उग्र रूप और विनाशकारी नृत्य का प्रतीक है, जबकि लास्य देवी पार्वती का सौम्य नृत्य है।
  • त्रिपुंड और रुद्राक्ष:
    • शैव अनुयायी माथे पर त्रिपुंड (तीन भस्म की धारियाँ) लगाते हैं, जो शिव के त्रिगुणात्मक स्वरूप का प्रतीक है।
    • रुद्राक्ष की माला पहनना शैव धर्म में शुभ माना जाता है, जो भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक है।
  • बेलपत्र अर्पण:
    • शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है, और इसे शिवलिंग पर चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

4. शैव धर्म के प्रमुख केंद्र (Major Centers of Shaivism):

  • काशी (वाराणसी):
    • काशी (वाराणसी) को शिव का सबसे पवित्र तीर्थ माना जाता है। यहाँ का काशी विश्वनाथ मंदिर शैव धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक है।
  • केदारनाथ (उत्तराखंड):
    • केदारनाथ उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख शैव तीर्थ स्थल है। यह चार धामों में से एक है और शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल है।
  • सोमनाथ (गुजरात):
    • सोमनाथ मंदिर गुजरात में स्थित है और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह प्राचीन समय से शैव अनुयायियों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
  • अमरनाथ (जम्मू और कश्मीर):
    • अमरनाथ गुफा जम्मू और कश्मीर में स्थित है, जहाँ प्राकृतिक शिवलिंग (बर्फ का लिंग) बनता है। यह एक प्रमुख शैव तीर्थ स्थल है।
  • रामेश्वरम (तमिलनाडु):
    • रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु में स्थित है और यह हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
  • भीमाशंकर (महाराष्ट्र):
    • भीमाशंकर महाराष्ट्र में स्थित एक महत्वपूर्ण शैव तीर्थ स्थल है, जहाँ शिवलिंग की पूजा होती है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
  • कांचीपुरम (तमिलनाडु):
    • कांचीपुरम दक्षिण भारत का प्रमुख शैव केंद्र है, जहाँ शिव की पूजा की जाती है। यहाँ के एकांबरेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है।
  • महाकालेश्वर (उज्जैन, मध्य प्रदेश):
    • उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह शैव अनुयायियों का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
  • गुहेश्वर (कर्नाटक):
    • कर्नाटक में गुहेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण शैव तीर्थ स्थल है, जहाँ शिव की पूजा की जाती है।
  • तंजावुर और चिदंबरम (तमिलनाडु):
    • तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर और चिदंबरम का नटराज मंदिर शैव धर्म के प्रमुख पूजा स्थलों में से एक हैं। चिदंबरम में शिव की नटराज रूप में पूजा होती है।

 

शैवधर्म पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्रश्न 1: शैवधर्म के प्रमुख देवता कौन हैं?
a) विष्णु
b) ब्रह्मा
c) शिव
d) इंद्र
सही उत्तर: c) शिव

प्रश्न 2: शिवलिंग को शैवधर्म में किसका प्रतीक माना जाता है?
a) भगवान विष्णु
b) भगवान शिव
c) माता पार्वती
d) भगवान गणेश
सही उत्तर: b) भगवान शिव

प्रश्न 3: शैवधर्म में भगवान शिव की पूजा किस दिन विशेष रूप से की जाती है?
a) शुक्रवार
b) रविवार
c) सोमवार
d) बुधवार
सही उत्तर: c) सोमवार

प्रश्न 4: शैवधर्म का सबसे प्रमुख तीर्थस्थान कौन सा है?
a) जगन्नाथ पुरी
b) द्वारका
c) काशी (वाराणसी)
d) अयोध्या
सही उत्तर: c) काशी (वाराणसी)

प्रश्न 5: शैवधर्म के अनुसार भगवान शिव के किस रूप की पूजा नटराज के रूप में की जाती है?
a) तांडव नृत्य
b) योगी शिव
c) पार्वती के साथ शिव
d) रुद्र रूप
सही उत्तर: a) तांडव नृत्य

प्रश्न 6: किस राज्य में स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक शिवलिंग बनता है?
a) उत्तराखंड
b) हिमाचल प्रदेश
c) जम्मू-कश्मीर
d) बिहार
सही उत्तर: c) जम्मू-कश्मीर

प्रश्न 7: कांचीपुरम के एकंतेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा किस नाम से की जाती है?
a) महादेव
b) शिवशंकर
c) एकंतेश्वर
d) शिवरात्रि
सही उत्तर: c) एकंतेश्वर

प्रश्न 8: शैवधर्म के किस स्थल को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है?
a) सोमनाथ
b) बद्रीनाथ
c) रामेश्वरम
d) केदारनाथ
सही उत्तर: a) सोमनाथ

प्रश्न 9: शैव साधु-संन्यासी अक्सर अपने शरीर पर किसका लेप करते हैं?
a) चंदन
b) भस्म
c) मिट्टी
d) हल्दी
सही उत्तर: b) भस्म

प्रश्न 10: शैवधर्म के किस प्रमुख ग्रंथ में भगवान शिव के 108 नामों का वर्णन है?
a) शिव पुराण
b) रामायण
c) महाभारत
d) गीता
सही उत्तर: a) शिव पुराण

प्रश्न 11: "महाशिवरात्रिपर्व को किस रूप में मनाया जाता है?
a) भगवान विष्णु के जन्मदिन के रूप में
b) भगवान शिव के विवाह के रूप में
c) भगवान गणेश के जन्म के रूप में
d) माता पार्वती के जन्म के रूप में
सही उत्तर: b) भगवान शिव के विवाह के रूप में

प्रश्न 12: शैवधर्म में भगवान शिव के भक्तों को किस नाम से जाना जाता है?
a) वैष्णव
b) शैव
c) ब्राह्मण
d) साधु
सही उत्तर: b) शैव

प्रश्न 13: त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग कहाँ स्थित है?
a) गुजरात
b) महाराष्ट्र
c) तमिलनाडु
d) उत्तर प्रदेश
सही उत्तर: b) महाराष्ट्र

प्रश्न 14: शैवधर्म में शिवलिंग के अभिषेक के लिए कौन सी वस्तु प्रमुख रूप से उपयोग की जाती है?
a) जल
b) तेल
c) घी
d) हल्दी
सही उत्तर: a) जल

प्रश्न 15: भगवान शिव को किस नाम से "विनाश और पुनर्निर्माण के देवताके रूप में जाना जाता है?
a) त्रिपुरारी
b) महादेव
c) नटराज
d) रुद्र
सही उत्तर: d) रुद्र

प्रश्न 16: शैवधर्म में किस तंत्र को भगवान शिव का परम ग्रंथ माना जाता है?
a) योग वशिष्ठ
b) शिव संहिता
c) भगवद गीता
d) नारद संहिता
सही उत्तर: b) शिव संहिता

प्रश्न 17: काशी विश्वनाथ मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है?
a) यमुना
b) गंगा
c) गोदावरी
d) नर्मदा
सही उत्तर: b) गंगा

प्रश्न 18: शैवधर्म के अनुसार भगवान शिव का तांडव नृत्य किसका प्रतीक है?
a) सृष्टि का आरंभ
b) संहार
c) योग का अभ्यास
d) युद्ध का आरंभ
सही उत्तर: b) संहार

प्रश्न 19: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर किस राज्य में स्थित है?
a) राजस्थान
b) गुजरात
c) मध्य प्रदेश
d) महाराष्ट्र
सही उत्तर: b) गुजरात

प्रश्न 20: शैवधर्म की तांत्रिक पद्धति में किस प्रकार की पूजा प्रमुख होती है?
a) वैदिक मंत्रों के साथ
b) भस्म और रुद्राक्ष का प्रयोग
c) केवल ध्यान
d) दीपक और धूप का प्रयोग
सही उत्तर: b) भस्म और रुद्राक्ष का प्रयोग

 

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