प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
8. बौद्धधर्म :- गौतम बुद्ध का जीवन और शिक्षाएँ , बौद्ध धर्म का प्रसार और साहित्य , बौद्ध वास्तुकला और कला
बौद्धधर्म
बौद्धधर्म भारत का एक प्रमुख धर्म है, जिसकी स्थापना गौतम बुद्ध ने की थी। इस धर्म का मुख्य उद्देश्य संसार के दुखों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति है। बौद्धधर्म का पालन करने वाले अनुयायी "बौद्ध" कहलाते हैं, और वे बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण करते हैं।
1. गौतम बुद्ध का जीवन और शिक्षाएँ
गौतम बुद्ध का जीवन:
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु (वर्तमान नेपाल) के लुंबिनी वन में हुआ था। उनका जन्म एक क्षत्रिय परिवार में हुआ, और उनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ था। उनके पिता शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के राजा थे। सिद्धार्थ ने अपनी युवावस्था में विवाह किया और एक पुत्र, राहुल, के पिता बने। लेकिन जीवन के दुखों और कष्टों को देखकर उन्होंने 29 वर्ष की आयु में गृह त्याग दिया और सच्चे ज्ञान की खोज में निकल पड़े।
गौतम बुद्ध ने कठोर तपस्या के बाद बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए "निर्वाण" (संपूर्ण ज्ञान) प्राप्त किया और वे "बुद्ध" कहलाए। इसके बाद उन्होंने काशी के सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया, जिसे "धर्मचक्र प्रवर्तन" कहा जाता है। उन्होंने चार आर्य सत्य (दुःख, दुःख का कारण, दुःख का निवारण, और दुःख निवारण का मार्ग) और अष्टांगिक मार्ग (सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयास, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि) का उपदेश दिया।
गौतम बुद्ध की शिक्षाएँ:
गौतम बुद्ध की शिक्षाएँ सरल, व्यवहारिक और आध्यात्मिक हैं। उन्होंने अहिंसा, करुणा, और मैत्री का प्रचार किया। उनके अनुसार, संसार में दुःख का कारण तृष्णा (इच्छाएँ) है, और इसे समाप्त करने से ही निर्वाण प्राप्त किया जा सकता है। बुद्ध ने कर्म के सिद्धांत को भी महत्व दिया, जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्मों का फल भुगतता है। उन्होंने मूर्तिपूजा और अंधविश्वासों का विरोध किया और मानव जीवन में नैतिकता और साधना पर बल दिया।
2. बौद्ध धर्म का प्रसार और साहित्य
बौद्ध धर्म का प्रसार:
गौतम बुद्ध की शिक्षाओं ने उनके जीवनकाल में ही कई अनुयायियों को आकर्षित किया। उनके प्रमुख शिष्यों में आनंद, शारिपुत्र, और मौद्गल्यायन शामिल थे। बौद्ध धर्म के प्रसार में सम्राट अशोक का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया और इसे अपने साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैलाया। उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए स्तूपों और विहारों का निर्माण करवाया और धर्म प्रचारकों को अन्य देशों में भी भेजा। बौद्ध धर्म बाद में श्रीलंका, तिब्बत, चीन, जापान और अन्य एशियाई देशों में भी फैल गया।
बौद्ध साहित्य:
बौद्ध साहित्य अत्यधिक समृद्ध और विविधतापूर्ण है। इसे त्रिपिटक के नाम से जाना जाता है, जो तीन भागों में विभाजित है:
- विनय पिटक - बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों के आचरण और अनुशासन से संबंधित नियम।
- सुत्त पिटक - गौतम बुद्ध के उपदेश और संवाद।
- अभिधम्म पिटक - बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान पर गहन व्याख्यान।
त्रिपिटक के अलावा, जातक कथाएँ, मिलिंदपन्हो, और अन्य बौद्ध ग्रंथ भी प्रमुख हैं, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और सिद्धांतों को समझने में सहायक होते हैं।
3. बौद्ध वास्तुकला और कला
बौद्ध वास्तुकला:
बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ ही बौद्ध वास्तुकला और कला का भी विकास हुआ। बौद्ध वास्तुकला के प्रमुख उदाहरण स्तूप, विहार, और चैत्यगृह हैं।
- स्तूप: स्तूप एक गोलाकार ढांचा होता है, जिसमें बुद्ध के अवशेष या पवित्र धातुएं रखी जाती हैं। सबसे प्रसिद्ध स्तूप सांची का स्तूप है।
- विहार: विहार बौद्ध भिक्षुओं के निवास स्थान होते हैं। नालंदा और विक्रमशिला के विहार प्राचीन भारत के प्रमुख बौद्ध शिक्षण केंद्र थे।
- चैत्यगृह: चैत्यगृह बौद्ध पूजा स्थल होते हैं, जिनमें स्तूप के दर्शन के लिए जगह होती है। अजंता और एलोरा की गुफाएँ चैत्यगृह का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
बौद्ध कला:
बौद्ध कला में बुद्ध की मूर्तियाँ, चित्रकला, और अन्य कलाकृतियाँ शामिल हैं। बौद्ध कला का प्रमुख उद्देश्य बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं को चित्रित करना था। गंधार, मथुरा, और अमरावती की बौद्ध कला ने भारतीय कला पर गहरा प्रभाव डाला। बौद्ध चित्रकला और मूर्तिकला में बुद्ध की ध्यानमग्न मुद्रा, ध्यान की आँखें, और शांति का संदेश प्रमुखता से दिखाई देता है।
बौद्धधर्म की शिक्षाओं, साहित्य, वास्तुकला, और कला ने भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धरोहर में अमूल्य योगदान दिया है। आज भी बौद्ध धर्म के अनुयायी दुनिया भर में फैले हुए हैं, और यह धर्म शांति, अहिंसा, और करुणा का संदेश देता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
बौद्धधर्म
1. गौतम बुद्ध का जीवन (Life of Gautama
Buddha):
- जन्म:
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में शाक्य वंश के राजा सिद्धार्थ के रूप में हुआ।
- उनके पिता का नाम शुद्धोधन और माता का नाम माया देवी था।
- राजमहल का त्याग:
- सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की आयु में संसार के दुःखों को देखकर घर त्याग दिया और 'महाभिनिष्क्रमण' किया, जो संसार से विरक्ति का प्रतीक था।
- उन्होंने तपस्या और ध्यान के माध्यम से सत्य की खोज की।
- ज्ञान प्राप्ति:
- 35 वर्ष की आयु में बिहार के बोधगया में एक पीपल वृक्ष के नीचे कठोर तपस्या के बाद सिद्धार्थ को 'निर्वाण' (ज्ञान) प्राप्त हुआ, जिससे वे 'बुद्ध' कहलाए।
- बुद्ध का अर्थ है "जाग्रत" या "ज्ञान प्राप्त करने वाला"।
- धर्मचक्र प्रवर्तन:
- ज्ञान प्राप्ति के बाद, बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ (वाराणसी) में दिया, जिसे 'धर्मचक्र प्रवर्तन' (धर्म का चक्र घुमाना) कहा जाता है।
- इस उपदेश में उन्होंने चार आर्य सत्यों और अष्टांगिक मार्ग का वर्णन किया।
- महापरिनिर्वाण:
- गौतम बुद्ध ने 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। उनके निर्वाण के बाद बौद्ध धर्म का प्रसार उनके अनुयायियों द्वारा हुआ।
2. बुद्ध की शिक्षाएँ (Teachings of
Buddha):
- चार आर्य सत्य (Four Noble
Truths):
- दुःख: संसार में दुःख व्याप्त है।
- दुःख का कारण: दुःख का कारण तृष्णा (इच्छा) है।
- दुःख का निरोध: तृष्णा का अंत करके दुःख का निरोध किया जा सकता है।
- दुःख निरोध का मार्ग: अष्टांगिक मार्ग का पालन करके दुःख का अंत किया जा सकता है।
- अष्टांगिक मार्ग (Eightfold
Path):
- सम्यक दृष्टि (Right
Understanding)
- सम्यक संकल्प (Right
Thought)
- सम्यक वाणी (Right
Speech)
- सम्यक कर्मांत (Right
Action)
- सम्यक आजीविका (Right
Livelihood)
- सम्यक व्यायाम (Right
Effort)
- सम्यक स्मृति (Right
Mindfulness)
- सम्यक समाधि (Right
Concentration)
- पंचशील (Five
Precepts):
- अहिंसा का पालन करें।
- सत्य बोलें।
- चोरी न करें।
- अनुचित यौन आचरण से दूर रहें।
- मादक पदार्थों का सेवन न करें।
- मध्यम मार्ग (Middle
Path):
- बुद्ध ने कठोर तपस्या और विलासिता से दूर रहते हुए मध्यम मार्ग अपनाने पर बल दिया।
- यह मार्ग संतुलित जीवन जीने की शिक्षा देता है।
3. बौद्ध धर्म का प्रसार (Spread of
Buddhism):
- बुद्ध के जीवनकाल में प्रसार:
- बुद्ध के अनुयायियों ने उनके उपदेशों का प्रसार भारत के विभिन्न हिस्सों में किया। उनके प्रमुख शिष्य आनंद, मोग्गलायन, और सारिपुत्र थे।
- अशोक का संरक्षण:
- मौर्य सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म ग्रहण किया और उसे राज्य धर्म के रूप में अपनाया।
- अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रसार भारत, श्रीलंका, और दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों में किया। उन्होंने धर्म प्रचार के लिए धर्म महामात्र नियुक्त किए और बौद्ध स्तूपों का निर्माण करवाया।
- तीसरी बौद्ध संगीति:
- अशोक ने पाटलिपुत्र में तीसरी बौद्ध संगीति का आयोजन करवाया, जिसमें बौद्ध धर्म के विभिन्न मतभेदों को सुलझाया गया और त्रिपिटक को संकलित किया गया।
- विदेशों में प्रसार:
- बौद्ध धर्म का प्रसार श्रीलंका, चीन, जापान, थाईलैंड, म्यांमार, तिब्बत और मध्य एशिया के देशों में हुआ। चीन में बौद्ध धर्म का आगमन फाह्यान और ह्वेनसांग जैसे चीनी यात्रियों के माध्यम से हुआ।
- बौद्ध धर्म के दो संप्रदाय:
1. हीनयान (Theravada)
- यह बौद्ध धर्म का प्रारंभिक रूप है, जो साधारण अनुयायियों के लिए है।
2. महायान (Mahayana)
- यह बौद्ध धर्म का उदार रूप है, जिसमें बुद्ध को ईश्वर की तरह पूजने की प्रथा है।
4. बौद्ध साहित्य (Buddhist
Literature):
- त्रिपिटक (Tripitaka):
- त्रिपिटक बौद्ध धर्म का सबसे प्रमुख ग्रंथ है, जिसे तीन भागों में विभाजित किया गया है:
- विनय पिटक: इसमें बौद्ध भिक्षुओं के लिए अनुशासन और आचार-संहिता का वर्णन है।
- सुत्त पिटक: इसमें गौतम बुद्ध के उपदेशों और प्रवचनों का संग्रह है।
- अभिधम्म पिटक: इसमें बौद्ध धर्म के दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का विवरण है।
- जातक कथाएँ (Jataka
Tales):
- जातक कथाएँ गौतम बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ हैं, जिनमें नैतिक और धार्मिक शिक्षा दी गई है।
- महावंश और दीपवंश:
- ये ग्रंथ बौद्ध धर्म के प्रसार और श्रीलंका के इतिहास का वर्णन करते हैं। इन्हें सिंहली भाषा में लिखा गया है।
5. बौद्ध वास्तुकला और कला (Buddhist
Architecture and Art):
- स्तूप (Stupa):
- स्तूप बौद्ध धर्म के धार्मिक स्मारक होते हैं, जिनमें बुद्ध के अवशेष या पवित्र वस्त्र रखे जाते हैं।
- प्रमुख स्तूपों में सांची का स्तूप, सारनाथ का स्तूप, और अमरावती का स्तूप शामिल हैं।
- विहार (Vihara):
- विहार बौद्ध भिक्षुओं के रहने के स्थान होते थे। ये धार्मिक और शिक्षा केंद्र के रूप में भी कार्य करते थे।
- विहारों के उदाहरण नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय हैं।
- चैत्य (Chaitya):
- चैत्य पूजा के लिए बनाये गए हॉल होते थे, जहाँ बुद्ध की मूर्तियों की पूजा की जाती थी। इनमें गुहा (गुफा) वास्तुकला का महत्वपूर्ण स्थान था।
- अजंता और एलोरा की गुफाएँ बौद्ध चैत्य के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- बौद्ध मूर्तिकला (Buddhist
Sculpture):
- बौद्ध धर्म में मूर्तिकला का विशेष स्थान था। प्रारंभ में बुद्ध की प्रतीकात्मक मूर्तियाँ बनाई जाती थीं, जैसे पदचिह्न, बोधि वृक्ष, और धम्म चक्र।
- बाद में महायान के प्रभाव से बुद्ध की मानव रूप में मूर्तियाँ बनने लगीं।
- गंधार और मथुरा शैली:
- बौद्ध कला में गंधार शैली और मथुरा शैली का महत्वपूर्ण स्थान है।
- गंधार शैली में बुद्ध की मूर्तियों को ग्रीक और भारतीय शैलियों के मिश्रण से बनाया गया, जबकि मथुरा शैली में भारतीय प्रभाव प्रमुख था।
बौद्धधर्म पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: गौतम बुद्ध का जन्म किस स्थान पर हुआ था?
a) काशी
b) लुंबिनी
c) बोधगया
d) सारनाथ
सही उत्तर: b) लुंबिनी
प्रश्न 2: गौतम बुद्ध के बचपन का नाम क्या था?
a) सिद्धार्थ
b) अशोक
c) आनंद
d) शुद्धोधन
सही उत्तर: a) सिद्धार्थ
प्रश्न 3: गौतम बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति किस स्थान पर की थी?
a) काशी
b) लुंबिनी
c) बोधगया
d) सारनाथ
सही उत्तर: c) बोधगया
प्रश्न 4: गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश कहाँ दिया था?
a) बोधगया
b) लुंबिनी
c) सारनाथ
d) वैशाली
सही उत्तर: c) सारनाथ
प्रश्न 5: बौद्ध धर्म का प्रमुख ग्रंथ कौन सा है?
a) वेद
b) त्रिपिटक
c) पुराण
d) उपनिषद
सही उत्तर: b) त्रिपिटक
प्रश्न 6: बौद्ध धर्म के अनुसार दुःख का प्रमुख कारण क्या है?
a) तृष्णा
b) कर्म
c) अहंकार
d) अज्ञानता
सही उत्तर: a) तृष्णा
प्रश्न 7: बौद्ध धर्म के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति किससे होती है?
a) धन
b) ज्ञान
c) तपस्या
d) समाधि
सही उत्तर: d) समाधि
प्रश्न 8: सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार किस युद्ध के बाद किया?
a) कलिंग युद्ध
b) पानीपत युद्ध
c) थर्मोपायली युद्ध
d) तराई युद्ध
सही उत्तर: a) कलिंग युद्ध
प्रश्न 9: बौद्ध धर्म का प्रचार किस देश में सम्राट अशोक ने सबसे पहले किया?
a) चीन
b) श्रीलंका
c) जापान
d) तिब्बत
सही उत्तर: b) श्रीलंका
प्रश्न 10: बौद्ध धर्म का कौन सा ग्रंथ भिक्षुओं और भिक्षुणियों के आचरण पर आधारित है?
a) सुत्त पिटक
b) अभिधम्म पिटक
c) विनय पिटक
d) जातक
सही उत्तर: c) विनय पिटक
प्रश्न 11: बुद्ध के अनुसार अष्टांगिक मार्ग का पहला अंग क्या है?
a) सम्यक दृष्टि
b) सम्यक संकल्प
c) सम्यक वाणी
d) सम्यक कर्म
सही उत्तर: a) सम्यक दृष्टि
प्रश्न 12: बौद्ध धर्म का प्रमुख वास्तुकला स्तूप का निर्माण किसने किया?
a) महावीर स्वामी
b) चंद्रगुप्त मौर्य
c) सम्राट अशोक
d) कनिष्क
सही उत्तर: c) सम्राट अशोक
प्रश्न 13: बौद्ध धर्म का "मध्यम मार्ग" किस सिद्धांत से संबंधित है?
a) अति तपस्या और अति विलासिता के बीच का मार्ग
b) केवल तपस्या का मार्ग
c) केवल विलासिता का मार्ग
d) कर्मकांड का मार्ग
सही उत्तर: a) अति तपस्या और अति विलासिता के बीच का मार्ग
प्रश्न 14: बौद्ध धर्म के किस शासक ने गंधार कला का विकास किया?
a) अशोक
b) कनिष्क
c) बिंबिसार
d) अजातशत्रु
सही उत्तर: b) कनिष्क
प्रश्न 15: बौद्ध धर्म के अनुसार "निर्वाण" का अर्थ क्या है?
a) सुख प्राप्ति
b) आत्मा का परमात्मा से मिलन
c) कर्मों का फल
d) सभी दुखों से मुक्ति
सही उत्तर: d) सभी दुखों से मुक्ति
प्रश्न 16: बौद्ध धर्म का प्रमुख ग्रंथ "त्रिपिटक" में से कौन सा हिस्सा बुद्ध के उपदेशों को समाहित करता है?
a) विनय पिटक
b) सुत्त पिटक
c) अभिधम्म पिटक
d) जातक
सही उत्तर: b) सुत्त पिटक
प्रश्न 17: गौतम बुद्ध ने किस राज्य के राजा बिंबिसार को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया था?
a) मगध
b) अवंती
c) काशी
d) कौशल
सही उत्तर: a) मगध
प्रश्न 18: बौद्ध धर्म की "धर्मचक्र प्रवर्तन" की घटना कहाँ हुई थी?
a) सारनाथ
b) वैशाली
c) राजगृह
d) कुशीनगर
सही उत्तर: a) सारनाथ
प्रश्न 19: "अष्टांगिक मार्ग" का अंतिम अंग क्या है?
a) सम्यक समाधि
b) सम्यक दृष्टि
c) सम्यक वाणी
d) सम्यक स्मृति
सही उत्तर: a) सम्यक समाधि
प्रश्न 20: बौद्ध धर्म की किस शाखा का विस्तार तिब्बत में हुआ?
a) महायान
b) हीनयान
c) वज्रयान
d) थेरवाद
सही उत्तर: c) वज्रयान