प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान
4. सिन्धु सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) :- शहरीकरण, वास्तुकला और समाज, आर्थिक जीवन, व्यापार और कृषि ,सिन्धु लिपि और कला
सिन्धु सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता)
सिन्धु सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन विश्व की सबसे विकसित और संगठित सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता मुख्य रूप से आज के पाकिस्तान और पश्चिमोत्तर भारत के क्षेत्र में स्थित थी और इसका विकास लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व के बीच हुआ। सिन्धु सभ्यता अपने समय की उन्नत शहरीकरण, वास्तुकला, व्यापारिक प्रणाली और कला के लिए प्रसिद्ध है।
शहरीकरण, वास्तुकला और समाज
सिन्धु सभ्यता के लोग शहरीकरण के मामले में काफी उन्नत थे। इस सभ्यता के प्रमुख नगरों में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगन, लोथल, चन्हूदड़ो, और राखीगढ़ी शामिल थे। इन नगरों की योजना और संरचना बेहद संगठित और सुव्यवस्थित थी।
- शहरीकरण:
सिन्धु सभ्यता के नगरों में सुनियोजित सड़कें, नालियाँ, और जल निकासी व्यवस्था थी। सड़कें सीधी और एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं, जिससे एक ग्रिड संरचना बनती थी। घरों में ईंटों का उपयोग कर मजबूत निर्माण किया गया था, और हर घर में पानी का कुंड और स्नानघर था। - वास्तुकला:
सिन्धु सभ्यता की वास्तुकला में बड़े-बड़े ग्रेनरी, स्नानागार, और सार्वजनिक भवनों का निर्माण शामिल था। मोहनजोदड़ो में मिले 'महान स्नानागार' (Great Bath) को इस सभ्यता की स्थापत्य कुशलता का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है। घरों और सार्वजनिक भवनों में बेक्ड ईंटों का उपयोग किया गया था, जो उनकी उन्नत तकनीक और ज्ञान का प्रमाण है। - समाज:
सिन्धु सभ्यता का समाज वर्गीकृत था, लेकिन किसी प्रकार के राजाओं या सैनिक शक्ति के प्रमाण नहीं मिले हैं। समाज में व्यापारियों, कारीगरों, किसानों और शिल्पकारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। हालांकि, समाज की संरचना के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि लोग शांतिप्रिय और कुशल प्रशासक थे।
आर्थिक जीवन, व्यापार और कृषि
सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन बहुत ही विकसित और विविधतापूर्ण था। यह सभ्यता मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी, लेकिन व्यापार और शिल्पकला में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
- कृषि:
सिन्धु सभ्यता के लोग कृषि के लिए सिंचित कृषि तकनीक का उपयोग करते थे। यहाँ के लोग गेहूँ, जौ, सरसों, कपास, और अन्य अनाजों की खेती करते थे। सिंचाई के लिए नदियों और नहरों का उपयोग किया जाता था, और वे बैलों की मदद से हल चलाते थे। - व्यापार:
सिन्धु सभ्यता में व्यापार का अत्यधिक विकास हुआ था। उनके व्यापारिक संबंध मेसोपोटामिया, फारस, और मध्य एशिया तक फैले थे। यहाँ मिले मोहरों और व्यापारिक वस्तुओं के प्रमाण बताते हैं कि सिन्धु सभ्यता के लोग समुद्री और थलमार्ग दोनों से व्यापार करते थे। वस्त्र, आभूषण, औजार, और मोहरों का निर्माण और व्यापार प्रमुख था। - शिल्पकला और उद्योग:
सिन्धु सभ्यता के लोग शिल्पकला में भी निपुण थे। वे विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तनों, धातु के औजारों, और आभूषणों का निर्माण करते थे। सोने, चांदी, तांबा, और कांस्य का उपयोग करके आभूषण और मूर्तियाँ बनाई जाती थीं। उनकी शिल्पकला की उत्कृष्टता को उनके द्वारा बनाए गए सील, मूर्तियाँ और खिलौने दर्शाते हैं।
सिन्धु लिपि और कला
सिन्धु सभ्यता की लिपि और कला भी उनकी उन्नत संस्कृति और सभ्यता की गहराई को दर्शाती है।
- सिन्धु लिपि:
सिन्धु सभ्यता के लोगों ने एक विशेष लिपि का विकास किया था, जिसे 'सिन्धु लिपि' कहा जाता है। इस लिपि में चित्रलिपियों (Pictographs) का उपयोग किया गया था। हालांकि, आज तक इस लिपि को पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है, जिससे उनकी भाषा और साहित्य के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। लेकिन लिपि के उपयोग से यह स्पष्ट होता है कि सिन्धु लोग लिखने और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में पारंगत थे। - कला:
सिन्धु सभ्यता की कला मुख्य रूप से मूर्तिकला, मोहरों की नक्काशी, और चित्रकारी में देखी जा सकती है। यहाँ की प्रसिद्ध 'नर्तकी की मूर्ति' (Dancing Girl) जो कांसे से बनी है, इस सभ्यता की उन्नत कला का प्रमाण है। इसके अलावा, पशुओं की आकृतियों, विशेषकर एक सींग वाले पशु (यूनिकॉर्न) की नक्काशी भी प्रमुख थी। मोहरों पर चित्रित मानव और पशु आकृतियाँ उनकी कला और शिल्पकला की उन्नत स्थिति को दर्शाती हैं।
सिन्धु सभ्यता की ये विशेषताएँ हमें यह समझने में मदद करती हैं कि प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप में कितनी उन्नत और संगठित सभ्यता का विकास हुआ था। यह सभ्यता न केवल अपने समय की सबसे विकसित सभ्यताओं में से एक थी, बल्कि इसकी संरचना, तकनीक और कला आज भी हमें चकित करती है।
महत्वपूर्ण बिंदु
1. शहरीकरण
(Urbanization):
- विकसित नगर:
- हड़प्पा सभ्यता का शहरीकरण बेहद उन्नत था, जिसमें हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हुदड़ो, कालीबंगन, लोथल, और धोलावीरा जैसे प्रमुख नगर शामिल थे।
- नगर योजनाबद्ध ढंग से बनाए गए थे, जिसमें सड़कें ग्रिड प्रणाली में थीं और घरों का निर्माण एक निश्चित योजना के तहत किया गया था।
- जल निकासी प्रणाली:
- हड़प्पा सभ्यता में जल निकासी की उन्नत प्रणाली थी। हर घर से जुड़ी नालियाँ और गलियों में बनी मुख्य नालियों से पानी बहता था।
- नगरों में सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath)
का निर्माण हुआ, विशेष रूप से मोहनजोदड़ो में, जो धार्मिक या सामाजिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था।
- सड़कें और गलियां:
- नगरों की सड़कों को उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम दिशा में बिछाया गया था। सड़कें चौड़ी थीं और ग्रिड प्रणाली में थीं।
- प्रमुख गलियां पक्की थीं और उनमें जल निकासी के लिए नालियां बनाई गई थीं।
2. वास्तुकला
और समाज (Architecture and
Society):
- वास्तुकला:
- हड़प्पा सभ्यता में ईंटों से बने घर, बड़े भवन, और किलेबंदी प्रमुख थे। पक्की ईंटों का उपयोग आम था।
- घरों में आमतौर पर एक या दो मंजिलें होती थीं और आंगन के चारों ओर कमरे बने होते थे।
- समाज:
- समाज मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित था: शासक वर्ग, व्यापारी वर्ग, और श्रमिक वर्ग।
- समाज में सफाई और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता था, जो नगरों की सफाई व्यवस्था से स्पष्ट होता है।
- धार्मिक जीवन के बारे में विशेष प्रमाण नहीं मिलते, लेकिन कुछ मूर्तियों और मुहरों से मातृदेवी और पशुपति (शिव) की पूजा का संकेत मिलता है।
3. आर्थिक
जीवन (Economic
Life):
- कृषि:
- हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख आर्थिक गतिविधि कृषि थी। गेहूं, जौ, सरसों, मटर, और कपास की खेती की जाती थी।
- सिंचाई के लिए नदियों और वर्षा जल का उपयोग किया जाता था। सिंधु और घग्गर-हकरा नदियों के किनारे उपजाऊ भूमि पर खेती होती थी।
- उद्योग और शिल्प:
- हड़प्पा सभ्यता में कुम्हारगीरी, कपड़ा उत्पादन, धातु शिल्प, गहनों का निर्माण, और मूर्तिकला जैसे उद्योग प्रमुख थे।
- कपास के धागों और ऊनी वस्त्रों का उत्पादन होता था, जिससे कपड़ा उद्योग उन्नत था।
4. व्यापार
और कृषि (Trade and Agriculture):
- आंतरिक और बाहरी व्यापार:
- हड़प्पा सभ्यता में व्यापार का एक प्रमुख स्थान था। सिंधु घाटी के शहरों के बीच व्यापारिक संबंध और वस्त्र, धातु, और शिल्प वस्तुओं का विनिमय होता था।
- व्यापार के लिए तांबा, सोना, चांदी, कीमती पत्थर, और हस्तशिल्प वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता था।
- विदेशी व्यापार मेसोपोटामिया (सुमेर) के साथ किया जाता था, जहां से आयातित सामग्री के साक्ष्य मिलते हैं।
- लोगों के विनिमय का साधन:
- व्यापार में वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी। सिक्कों के उपयोग का प्रमाण नहीं है, परंतु मुहरें व्यापारिक वस्त्रों के प्रमाणीकरण के लिए इस्तेमाल होती थीं।
5. सिन्धु
लिपि (Indus
Script):
- अभी तक अप्रकटित लिपि:
- हड़प्पा सभ्यता की लिपि को 'सिन्धु लिपि' कहा जाता है, जो अब तक पूरी तरह से पढ़ी नहीं जा सकी है।
- यह लिपि चित्रात्मक थी, जिसमें जानवरों, पौधों, और अन्य चिन्हों का उपयोग होता था। इन चिन्हों को मुहरों पर उकेरा गया मिलता है।
- लगभग 400-600 अलग-अलग चिन्हों का उपयोग किया जाता था, जो संभवतः किसी प्रकार की व्यापारिक भाषा या प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए थे।
6. कला
(Art):
- मूर्तिकला:
- हड़प्पा सभ्यता में मूर्तिकला का महत्वपूर्ण स्थान था। कांसे की नर्तकी की मूर्ति और पत्थर की बनी 'पुरोहित राजा' की मूर्ति प्रसिद्ध हैं।
- हाथी दांत, तांबा, और पत्थर से बनी छोटी मूर्तियाँ भी मिली हैं, जो उत्कृष्ट शिल्प कौशल को दर्शाती हैं।
- मृदभांड कला (Pottery Art):
- हड़प्पा सभ्यता के लोग मृदभांडों पर विभिन्न प्रकार के चित्रांकन और चित्रकारी करते थे। मिट्टी के बर्तन विभिन्न प्रकार की आकृतियों और डिजाइन में बनाए जाते थे।
- लाल और काले रंग की मृदभांड कला प्रसिद्ध थी।
- मुहरें (Seals):
- हड़प्पा सभ्यता की सबसे प्रसिद्ध कला कृतियाँ उसकी मुहरें हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के चित्र और लिपि उकेरे गए हैं। इनमें पशुपति मुहर (Shiva Seal) सबसे प्रसिद्ध है।
- मुहरों पर उकेरे गए चित्र जानवरों, पेड़-पौधों, और धार्मिक प्रतीकों को दर्शाते हैं, जो उस समय की धार्मिक और सांस्कृतिक स्थिति को दर्शाते हैं।
सिन्धु सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न और उनके उत्तर:
- सिन्धु सभ्यता का मुख्य नगर कौन सा था?
(a) मोहनजोदड़ो
(b) हड़प्पा
(c) लोथल
(d) कालीबंगन
उत्तर: (b) हड़प्पा - सिन्धु सभ्यता की खोज किसने की थी?
(a) जॉन मार्शल
(b) अलेक्जेंडर कनिंघम
(c) राकालदास बनर्जी
(d) दयाराम साहनी
उत्तर: (d) दयाराम साहनी - मोहनजोदड़ो का प्रसिद्ध 'महान स्नानागार' किस चीज़ का उदाहरण है?
(a) धार्मिक स्थल
(b) सामाजिक स्थल
(c) वास्तुकला
(d) सैन्य स्थल
उत्तर: (c) वास्तुकला - सिन्धु सभ्यता के लोग किस धातु का उपयोग नहीं करते थे?
(a) तांबा
(b) कांस्य
(c) सोना
(d) लोहा
उत्तर: (d) लोहा - सिन्धु सभ्यता की लिपि को किस प्रकार की लिपि माना जाता है?
(a) चित्रलिपि
(b) ब्राह्मी लिपि
(c) देवनागरी लिपि
(d) खरोष्ठी लिपि
उत्तर: (a) चित्रलिपि - सिन्धु सभ्यता का मुख्य व्यवसाय क्या था?
(a) शिल्पकला
(b) कृषि
(c) व्यापार
(d) मछली पालन
उत्तर: (b) कृषि - सिन्धु सभ्यता के नगरों की योजना कैसी थी?
(a) अव्यवस्थित
(b) सर्पिलाकार
(c) ग्रिड प्रणाली
(d) वृत्ताकार
उत्तर: (c) ग्रिड प्रणाली - सिन्धु सभ्यता के लोग किस फसल की खेती करते थे?
(a) चावल
(b) गेहूं
(c) मक्का
(d) गन्ना
उत्तर: (b) गेहूं - सिन्धु सभ्यता का प्रमुख बंदरगाह कौन सा था?
(a) लोथल
(b) मोहनजोदड़ो
(c) चन्हूदड़ो
(d) हड़प्पा
उत्तर: (a) लोथल - सिन्धु सभ्यता में किस जानवर की मूर्तियाँ सबसे ज्यादा पाई गई हैं?
(a) घोड़ा
(b) हाथी
(c) बैल
(d) बकरी
उत्तर: (c) बैल - सिन्धु सभ्यता के लोग किस प्रकार के घरों में रहते थे?
(a) मिट्टी के घर
(b) लकड़ी के घर
(c) पत्थर के घर
(d) पक्की ईंटों के घर
उत्तर: (d) पक्की ईंटों के घर - सिन्धु सभ्यता के नगरों में जल निकासी की व्यवस्था कैसी थी?
(a) प्राकृतिक
(b) भूमिगत
(c) खुले में
(d) संकरा
उत्तर: (b) भूमिगत - सिन्धु सभ्यता में किस वस्त्र का प्रयोग किया जाता था?
(a) ऊन
(b) रेशम
(c) सूती वस्त्र
(d) जूट
उत्तर: (c) सूती वस्त्र - मोहनजोदड़ो किस नदी के किनारे स्थित था?
(a) गंगा
(b) यमुना
(c) सिंधु
(d) सरस्वती
उत्तर: (c) सिंधु - सिन्धु सभ्यता के लोग किस धर्म का पालन करते थे?
(a) वैदिक धर्म
(b) बौद्ध धर्म
(c) जैन धर्म
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (d) इनमें से कोई नहीं - हड़प्पा सभ्यता के लोग किस धातु के उपकरण बनाते थे?
(a) तांबा
(b) लोहा
(c) स्टील
(d) एल्युमिनियम
उत्तर: (a) तांबा - सिन्धु सभ्यता की प्रमुख कला कौन सी थी?
(a) चित्रकला
(b) मूर्तिकला
(c) नृत्यकला
(d) संगीतकला
उत्तर: (b) मूर्तिकला - सिन्धु सभ्यता की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति कौन सी है?
(a) नर्तकी की मूर्ति
(b) पशुपति की मूर्ति
(c) राजा की मूर्ति
(d) योद्धा की मूर्ति
उत्तर: (a) नर्तकी की मूर्ति - सिन्धु सभ्यता के लोगों ने किस प्रकार की मोहरों का निर्माण किया?
(a) लकड़ी की
(b) मिट्टी की
(c) धातु की
(d) पत्थर की
उत्तर: (d) पत्थर की - सिन्धु सभ्यता में किस खेल के प्रमाण मिलते हैं?
(a) शतरंज
(b) पासा
(c) कबड्डी
(d) कुश्ती
उत्तर: (b) पासा
ये प्रश्न सिन्धु सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करते हैं, जो छात्रों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।