प्राचीन भारत का इतिहास, सामान्य ज्ञान

Previous(पिछला पढ़ें)
Page: 20 of 22
Next(अगला पढ़ें)

19. सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय हुन, हूण, पार्थियन और शक, उनके शासन का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव

सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय

सीमावर्ती राजवंशों में प्रमुख रूप से हुन, हूण, पार्थियन और शक जैसे समूहों का उल्लेख होता है, जिन्होंने भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये राजवंश मध्य एशिया से भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में आए और यहाँ की राजनीतिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संरचनाओं पर गहरा प्रभाव डाला।

1. हुन और हूण

हुन और हूण राजवंश मूल रूप से मध्य एशिया से आए हुए योद्धा थे। 5वीं और 6वीं शताब्दी में, ये समूह भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में आक्रमण करते हुए आए और यहाँ के कुछ हिस्सों पर शासन किया। मिहिरकुल जैसे हूण शासकों ने कश्मीर और पंजाब के क्षेत्र में अपना साम्राज्य स्थापित किया। हूणों का भारत पर आक्रमण भारतीय संस्कृति और राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ गया, जिससे गुप्त साम्राज्य का पतन भी हुआ। हूणों के आक्रमणों के कारण उत्तरी भारत में अशांति का माहौल बन गया, जिससे सामाजिक और आर्थिक ढांचे को नुकसान हुआ।

2. पार्थियन

पार्थियन या पहलव लोग, जो मूल रूप से ईरानी थे, ने भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में शासन किया। उन्होंने भारत में यूनानी-रोमन संस्कृति के साथ-साथ पार्थियन संस्कृति का भी प्रसार किया। पार्थियन शासक गोन्दोफर्नेस के समय में ईसाई धर्म के प्रचारक सेंट थॉमस ने भारत की यात्रा की थी। पार्थियन शासकों ने व्यापारिक मार्गों को नियंत्रित किया और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

3. शक

शक राजवंश या सिथियन लोग भी मध्य एशिया से आए थे। उन्होंने 1 शताब्दी .पू. से लेकर 4 शताब्दी . तक भारत के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भागों में शासन किया। शक शासक रुद्रदामन के समय में पश्चिमी भारत में संस्कृति और वास्तुकला का विकास हुआ। रुद्रदामन ने गुजरात के जूनागढ़ में एक महत्वपूर्ण शिलालेख (दामोदरसुद्र) खुदवाया, जो संस्कृत में लिखा गया था। शक शासकों ने भारतीय कला, वास्तुकला और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला।

4. हूण

हूण भारत के लिए एक बड़ा खतरा साबित हुए। उनके आक्रमणों ने भारतीय साम्राज्यों को कमजोर किया और देश में अस्थिरता फैलाई। उनके आक्रमणों के कारण भारत में गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ। हूणों ने भारतीय संस्कृति को प्रभावित किया, लेकिन वे भारतीय समाज में पूरी तरह से समाहित नहीं हो सके।

भारतीय संस्कृति पर प्रभाव

इन सीमावर्ती राजवंशों के आगमन से भारतीय संस्कृति पर कई तरह के प्रभाव पड़े। उनकी उपस्थिति ने भारतीय समाज में नए सांस्कृतिक तत्वों को जोड़ा, जैसे कि नए कला रूपों का विकास, वास्तुकला में विविधता, और विदेशी व्यापारिक संबंधों का विस्तार। इसके अलावा, इन राजवंशों ने भारतीय धर्म और दर्शन को भी प्रभावित किया, जिससे विभिन्न धार्मिक विचारधाराओं के समन्वय का मार्ग प्रशस्त हुआ।

सांस्कृतिक समन्वय और विविधता की यह प्रक्रिया भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इन सीमावर्ती राजवंशों के साथ संपर्क ने भारतीय समाज को एक नए रूप में ढालने में मदद की, जिससे यह और भी अधिक समृद्ध और बहुरंगी बन गया।

 

महत्वपूर्ण बिंदु

1. हुन (Huns):

  • हुनों का आगमन:
    • हुनों का भारत में आगमन लगभग 5वीं शताब्दी में हुआ। वे मध्य एशिया के घुमंतू कबीले थे और पश्चिमी और मध्य एशिया में कहर बरपाने के बाद भारत में प्रवेश किए।
  • तोर्माण (Toramana):
    • भारत पर सबसे प्रसिद्ध हुन राजा तोर्माण था, जिसने पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों पर अधिकार किया। उसकी राजधानी मथुरा थी।
  • मिहिरकुल (Mihirakula):
    • तोर्माण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल था, जो एक क्रूर शासक था। उसने बौद्ध धर्म के अनुयायियों पर अत्याचार किया और बौद्ध मठों और मूर्तियों का विनाश किया।
    • मिहिरकुल के अत्याचारों का बौद्ध धर्म के पतन पर गहरा प्रभाव पड़ा, विशेषकर उत्तर भारत में।
  • हुनों का पतन:
    • मिहिरकुल के बाद, गुप्त साम्राज्य और उनके सामंतों द्वारा हुनों को भारत से बाहर कर दिया गया। उनका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो गया।
  • भारतीय संस्कृति पर प्रभाव:
    • हुनों के आक्रमण ने भारतीय राजनीति को कमजोर किया, जिससे उत्तर भारत में कई छोटे-छोटे राज्यों का उदय हुआ।
    • हालाँकि, वे भारतीय समाज में पूरी तरह से नहीं घुले, फिर भी उनकी भाषा, पहनावे और कला पर आंशिक रूप से भारतीय प्रभाव देखा गया।

 

2. हूण (Hephthalites or White Huns):

  • हूणों का परिचय:
    • सफेद हूण, जिन्हें हेप्थलाइट्स कहा जाता है, 5वीं और 6वीं शताब्दी में भारत आए। उनका प्रभाव मुख्य रूप से उत्तरी और पश्चिमी भारत पर रहा।
  • गुप्त साम्राज्य पर आक्रमण:
    • सफेद हूणों ने गुप्त साम्राज्य पर आक्रमण कर उसकी शक्ति को कमजोर किया। गुप्त साम्राज्य के पतन में हूणों का महत्वपूर्ण योगदान था।
  • भारतीय संस्कृति पर प्रभाव:
    • हूणों ने भारतीय समाज में शासन के दौरान हिंदू और बौद्ध धर्म को अपनाया। उन्होंने मठों और धार्मिक स्थलों को संरक्षण दिया।
    • हूणों के आगमन के बाद से भारतीय राजनीति में सत्ता का केंद्रीकरण समाप्त हुआ, जिससे क्षेत्रीय राज्यों का उभार हुआ।

 

3. पार्थियन (Parthians):

  • पार्थियन साम्राज्य का आगमन:
    • पार्थियन या पहलव (Pahlavas) मूलतः ईरान के थे। भारत में उनका आगमन 1वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास हुआ। पार्थियन शासक उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थापित हुए।
  • गोंदोफर्नेस (Gondophares):
    • पार्थियन शासकों में सबसे प्रमुख शासक गोंदोफर्नेस था, जिसने भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों पर शासन किया। वह एक कुशल प्रशासक और योद्धा था।
    • गोंदोफर्नेस के शासनकाल में संत थॉमस ने भारत का दौरा किया, जो ईसाई धर्म का प्रसार करने वाला माना जाता है।
  • भारतीय संस्कृति पर प्रभाव:
    • पार्थियनों ने भारतीय कला, संस्कृति और धर्म को अपना लिया। उन्होंने भारतीय शैली के सिक्के जारी किए और भारतीय धार्मिक स्थलों को संरक्षण दिया।
    • पार्थियनों का भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला में योगदान देखा जाता है, विशेषकर गंधार कला में। पार्थियनों ने भारतीय और यूनानी कला को मिलाने में योगदान दिया।

 

4. शक (Sakas or Scythians):

  • शकों का आगमन:
    • शकों का भारत में आगमन लगभग 2वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ। वे मध्य एशिया के घुमंतू योद्धा थे, जिन्होंने भारत के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भागों पर अधिकार किया।
    • शकों ने गुजरात, महाराष्ट्र, और मालवा क्षेत्रों में शक्तिशाली राज्य स्थापित किए।
  • मौएस (Maues) और रुद्रदामन (Rudradaman):
    • सबसे प्रमुख शक शासक मौएस (मोगा) था, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप में शकों की सत्ता स्थापित की। इसके बाद रुद्रदामन का शासन आया, जिसने पश्चिमी भारत में मजबूत राज्य स्थापित किया।
    • रुद्रदामन का जुनागढ़ शिलालेख संस्कृत में है, जो इस बात का संकेत देता है कि शकों ने भारतीय संस्कृति को अपनाया।
  • भारतीय संस्कृति पर प्रभाव:
    • शकों ने भारतीय परंपराओं को अपनाया और भारतीय समाज में घुलमिल गए। वे हिंदू और बौद्ध धर्म को संरक्षण देते थे।
    • शकों ने भारतीय कला, खासकर गंधार शैली के विकास में योगदान दिया, जिसमें ग्रीक और भारतीय मूर्तिकला का मिश्रण देखा जाता है।
    • उन्होंने अपने शासनकाल में व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया, जिससे भारत के पश्चिमी तट के साथ-साथ मध्य एशिया तक व्यापारिक संबंध मजबूत हुए।

 

5. भारतीय संस्कृति पर सीमावर्ती राजवंशों का समग्र प्रभाव (Overall Influence of Border Dynasties on Indian Culture):

  • संस्कृति और धर्म:
    • सीमावर्ती राजवंशों जैसे हूण, पार्थियन, और शक ने भारतीय संस्कृति, धर्म, और कला को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म को संरक्षण दिया, जिससे इन धर्मों का प्रसार हुआ।
    • गंधार शैली जैसी कला शैलियों में ग्रीक, भारतीय, और मध्य एशियाई प्रभावों का मिश्रण देखने को मिला।
  • सिक्के और प्रशासन:
    • इन राजवंशों ने भारतीय प्रशासनिक प्रणाली और सिक्का प्रणाली को अपनाया। उन्होंने भारतीय और यूनानी प्रतीकों का मिश्रण करते हुए सिक्के जारी किए।
  • व्यापार और अर्थव्यवस्था:
    • इन सीमावर्ती राजवंशों ने भारत के व्यापारिक मार्गों को सुरक्षित रखा और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दिया। उन्होंने भारत और मध्य एशिया, चीन, और यूरोप के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित किया।
  • समाज और राजनीति:
    • इन राजवंशों के आगमन ने भारतीय राजनीति को प्रभावित किया, जिससे कई नए छोटे-छोटे राज्य उभरे और भारतीय राजनीति में विकेंद्रीकरण हुआ।
    • इन विदेशी शासकों का प्रभाव भारतीय समाज में भाषा, पहनावे, और सैन्य रणनीतियों पर भी पड़ा।

 

सीमावर्ती राजवंशों का अभ्युदय पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्रश्न 1: हूणों का आक्रमण भारतीय इतिहास में किस समय हुआ था?

  • (A) 2वीं शताब्दी .पू.
  • (B) 4वीं शताब्दी .
  • (C) 5वीं शताब्दी .
  • (D) 7वीं शताब्दी .

उत्तर: (C) 5वीं शताब्दी .

प्रश्न 2: हूण शासक मिहिरकुल का मुख्य केंद्र कहाँ था?

  • (A) पाटलिपुत्र
  • (B) कश्मीर
  • (C) उज्जैन
  • (D) कन्नौज

उत्तर: (B) कश्मीर

प्रश्न 3: पार्थियन शासक गोन्दोफर्नेस किस धर्म के प्रचारक से जुड़े थे?

  • (A) जैन धर्म
  • (B) बौद्ध धर्म
  • (C) हिन्दू धर्म
  • (D) ईसाई धर्म

उत्तर: (D) ईसाई धर्म

प्रश्न 4: शक शासक रुद्रदामन ने कौन सा महत्वपूर्ण शिलालेख खुदवाया?

  • (A) अशोक का शिलालेख
  • (B) मौर्य शिलालेख
  • (C) दामोदरसुद्र शिलालेख
  • (D) सम्राट कनिष्क का शिलालेख

उत्तर: (C) दामोदरसुद्र शिलालेख

प्रश्न 5: हूणों के आक्रमण के बाद किस साम्राज्य का पतन हुआ?

  • (A) मौर्य साम्राज्य
  • (B) गुप्त साम्राज्य
  • (C) सातवाहन साम्राज्य
  • (D) कुषाण साम्राज्य

उत्तर: (B) गुप्त साम्राज्य

प्रश्न 6: पार्थियन शासक किस क्षेत्र में शासन करते थे?

  • (A) दक्षिण भारत
  • (B) उत्तर-पश्चिम भारत
  • (C) पूर्वोत्तर भारत
  • (D) मध्य भारत

उत्तर: (B) उत्तर-पश्चिम भारत

प्रश्न 7: किस राजवंश ने भारतीय कला और वास्तुकला को प्रभावित किया?

  • (A) मौर्य
  • (B) शक
  • (C) हूण
  • (D) गुप्त

उत्तर: (B) शक

प्रश्न 8: हूणों का सबसे बड़ा शासक कौन था?

  • (A) तोरमाण
  • (B) मिहिरकुल
  • (C) कनिष्क
  • (D) रुद्रदामन

उत्तर: (B) मिहिरकुल

प्रश्न 9: पार्थियन शासकों ने किस सांस्कृतिक तत्व को भारतीय समाज में जोड़ा?

  • (A) संस्कृत भाषा
  • (B) पार्थियन कला और वास्तुकला
  • (C) बौद्ध धर्म
  • (D) इस्लाम धर्म

उत्तर: (B) पार्थियन कला और वास्तुकला

प्रश्न 10: शक शासकों ने भारत में किस व्यापार मार्ग को नियंत्रित किया?

  • (A) रेशम मार्ग
  • (B) पश्चिमी तटीय मार्ग
  • (C) गंगा-यमुना दोआब
  • (D) उत्तर-दक्षिण मार्ग

उत्तर: (A) रेशम मार्ग

प्रश्न 11: पार्थियन शासक गोन्दोफर्नेस के समय में भारत में कौन से धार्मिक प्रचारक आए थे?

  • (A) महावीर
  • (B) गौतम बुद्ध
  • (C) सेंट थॉमस
  • (D) शंकराचार्य

उत्तर: (C) सेंट थॉमस

प्रश्न 12: कौन से राजवंश ने भारतीय समाज में विविधता और समन्वय को बढ़ावा दिया?

  • (A) हूण
  • (B) मौर्य
  • (C) पार्थियन
  • (D) सातवाहन

उत्तर: (C) पार्थियन

प्रश्न 13: हूणों के आक्रमण से भारतीय साम्राज्यों पर क्या प्रभाव पड़ा?

  • (A) मजबूती
  • (B) स्थिरता
  • (C) अस्थिरता
  • (D) विस्तार

उत्तर: (C) अस्थिरता

प्रश्न 14: किस शासक के शासनकाल में पश्चिमी भारत में वास्तुकला का विकास हुआ?

  • (A) अशोक
  • (B) रुद्रदामन
  • (C) मिहिरकुल
  • (D) चन्द्रगुप्त

उत्तर: (B) रुद्रदामन

प्रश्न 15: हूणों ने भारत में किस क्षेत्र पर सबसे पहले आक्रमण किया?

  • (A) दक्षिण भारत
  • (B) उत्तर भारत
  • (C) पश्चिमी भारत
  • (D) पूर्वोत्तर भारत

उत्तर: (B) उत्तर भारत

प्रश्न 16: शक शासकों ने किस लिपि का उपयोग किया?

  • (A) ब्राह्मी
  • (B) खरोष्ठी
  • (C) देवनागरी
  • (D) प्राकृत

उत्तर: (A) ब्राह्मी

प्रश्न 17: किस राजवंश ने भारतीय संस्कृति में अपनी छाप छोड़ी?

  • (A) हूण
  • (B) पार्थियन
  • (C) शक
  • (D) सभी

उत्तर: (D) सभी

प्रश्न 18: हूण शासक मिहिरकुल ने किस धर्म को मान्यता दी थी?

  • (A) जैन धर्म
  • (B) बौद्ध धर्म
  • (C) हिन्दू धर्म
  • (D) इस्लाम धर्म

उत्तर: (C) हिन्दू धर्म

प्रश्न 19: पार्थियन राजवंश का भारत में आगमन किसके बाद हुआ?

  • (A) शक
  • (B) कुषाण
  • (C) मौर्य
  • (D) हूण

उत्तर: (A) शक

प्रश्न 20: किस राजवंश के आगमन से गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ?

  • (A) हूण
  • (B) शक
  • (C) पार्थियन
  • (D) कुषाण

उत्तर: (A) हूण

 

 

पेज स्क्रॉल करें दिए गए वस्तुनिष्ठ प्रश्न देखें
Previous
Page: 20 of 22
Next
Thank you for your feedback!